प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि वह हर काम केवल चुनाव जीतने या सत्ता पाने के लिए नहीं करते हैं. यदि चुनावी जीतना ही एकमात्र उद्देश्य होता, तो वे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता नहीं देते. तमिलनाडु में थांती टीवी (Thanti TV) के साथ एक साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि मैं एक राजनेता हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जो भी कार्य करता हूं वह केवल चुनाव जीतने या सत्ता के लिए या वोट के लिए होता है. यदि केवल चुनाव जीतना मेरा लक्ष्य होता, तो मैं पूर्वोत्तर के विकास के लिए काम नहीं किया होता. मैंने अब तक के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की तुलना में पूर्वोत्तर राज्यों का सबसे अधिक दौरा किया है.''
प्रधानमंत्री ने युवाओं को राजनीति की ओर आकर्षित करने के लिए जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई की भी सराहना की. पीएम ने कहा, "हमने तब भी तमिलनाडु के लिए काम किया, जब हमारे पास एक भी नगरपालिका उम्मीदवार तक नहीं था. अन्नामलाई युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं. वे उन्हें देखते हैं और सोचते हैं कि यदि उन्हें पैसा कमाना होता या भ्रष्टाचार करना होता, तो वह द्रमुक (DMK) या अन्नाद्रमुक (AIADMK) में शामिल हो सकते थे. पीएम मोदी ने कहा, ''किसी स्वार्थ के कारण से अन्नामलाई ने भाजपा को नहीं चुना, बल्कि देश के लिए काम करने के लिए चुना. वह देश और तमिलनाडु के लिए काम कर रहे हैं.''
पीएम मोदी ने तमिलनाडु में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत पर भरोसा जताया और कहा कि वोट सिर्फ डीएमके के खिलाफ नहीं बल्कि भाजपा के पक्ष में पड़ेंगे. पीएम मोदी ने कहा, "एनडीए एक बहुत मजबूत अलायंस है, जो समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ता है. यह विभिन्न आर्थिक और सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले दलों का एक अलायंस है. यह लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है. भाजपा-एनडीए को मिलने वाले वोट एंटी द्रमुक 'विरोधी' नहीं हैं बल्कि प्रो भाजपा है. लोगों ने पिछले 10 वर्षों में हमने जो काम किया है, उसे देखा है. तमिलनाडु ने फैसला किया है कि इस बार वह भाजपा-एनडीए के साथ है.''
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु की 'महान विरासत के साथ अन्याय' की ओर इशारा करते हुए अपना गुस्सा भी जाहिर किया. पीएम ने कहा, "हमें तमिल भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए. जैसे कि तमिलनाडु के व्यंजनों का वैश्वीकरण किया गया है. मुझे गुस्सा आता है कि हमने तमिलनाडु की महान विरासत के साथ अन्याय किया है. भारत में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है, फिर भी हम इसे प्रदर्शित नहीं करते हैं. हमें इस पर गर्व है. इस समृद्ध विरासत की प्रशंसा पूरी दुनिया में होनी चाहिए.''
विपक्षी दलों द्वारा सेंगोल को नए संसद भवन में रखे जाने की आलोचना पर पीएम मोदी ने देश की आजादी से इसके संबंध पर प्रकाश डाला. पीएम ने कहा, "केवल कुछ ही लोग जानते हैं कि हमारी आजादी के शुरुआती क्षण पवित्र सेंगोल से जुड़े हैं. यह सत्ता परिवर्तन का प्रतीक था. मैंने इसे संसद में लाने से पहले काफी शोध किया था. फिर मैंने तय किया कि नए संसद सेंगोल हमें प्रेरित करेगी. अब यह केवल शेल्फ में रखने वाला आभूषण नहीं रहेगी, बल्कि इसे वह गरिमा मिलेगी, जिसकी वह हकदार है."
जब पीएम मोदी से उनकी विदेश नीति की तीन शीर्ष उपलब्धियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मेरे लिए, हर काम महत्वपूर्ण है. मैंने जो भी काम किया है, उसमें मैंने समान समय, ध्यान और ऊर्जा दी है. मेरे लिए, एक छोटा सा राष्ट्र भी एक बड़े राष्ट्र जितना ही महत्वपूर्ण है और इसलिए आज दुनिया भारत को 'विश्वबंधु' के रूप में देखती है.'' चुनावी बॉन्ड के जरिए भारी मात्रा में फंड लेने के मामले में बीजेपी का नाम जुड़ने पर पीएम मोदी ने कहा, ''जो लोग चुनावी बॉन्ड का विरोध कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही इसका पछतावा होगा. 2014 से पहले, चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों को दिए गए फंड का कोई मनी ट्रेल नहीं मिलता था. मैंने चुनावी बॉन्ड पेश किया. इसी से अब हम फंडिंग के स्रोत का पता लगा सकते हैं. कोई भी चीज एकदम सही नहीं होती, खामियों हो सकती हैं, मगर उसे दूर किया जा सकता है."
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी तमिलनाडु से चुनाव लड़ने पर विचार किया है? प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी चुनाव लड़ने की कल्पना भी नहीं की थी और न ही वह राजनेता बनने की इच्छा रखते थे, लेकिन नियति ने उन्हें वहां पहुंचा दिया, जहां वह अब हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए की 400 सीटें जीतने को लेकर लगाए जा रहे नारों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जनता का फैसला है. पीएम मोदी ने कहा, "देश के लोगों ने 'मिशन 400' तय किया है. मैंने नहीं. लोगों को राजनीतिक स्थिरता और अपने वोट की ताकत के महत्व का एहसास हो गया है." उन्होंने कहा, "यह उनका वोट है. जो गरीबों को खाना खिलाएगा और उन्हें सशक्त बनाएगा. यह उनका वोट है जो 'नारी शक्ति' में मदद करेगा. इसलिए यह जनता का फैसला है."
तमिलनाडु में 39 लोकसभा क्षेत्र हैं. राज्य में 19 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान हो रहा है. 2019 के आम चुनावों के दौरान, डीएमके के नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन (जिसमें कांग्रेस, वीसीके, एमडीएमके, सीपीआई, सीपीआई (एम), आईयूएमएल, एमएमके, केएमडीके, टीवीके, एआईएफबी शामिल थे) ने 38 सीटें जीतकर भारी जीत दर्ज की थी. देश की 543 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव 19 अप्रैल से सात चरणों में होंगे.