अगर कोरोना वायरस के और वेरिएंट आए तो नवंबर में तीसरी लहर चरम पर होगी : वैज्ञानिक

कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में मामलों में तेजी नहीं आएगी और संभव है कि इससे काफी हद तक पहली लहर के जैसी स्थिति पैदा हो

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

अगर कोरोना वायरस (Coronavirus) के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के अलावा और वेरिएंट सामने आते हैं एवं सितंबर के अंत तक पूरी तरह से सक्रिय हो जाते हैं, तो उस स्थिति में कोरोना महामारी (COVID Pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave) नवंबर में अपने चरम पर पहुंच जाएगी. महामारी की गणितीय गणना (सूत्र मॉडल) के आधार पर पूर्वानुमान लगाने वाली टीम में शामिल एक वैज्ञानिक ने सोमवार को यह दावा किया. इसके साथ ही उनका कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में मामलों में तेजी नहीं आएगी और संभव है कि इससे काफी हद तक पहली लहर के जैसी  स्थिति पैदा होगी.

भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान (IIT) कानपुर के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि अगर वायरस का नया वेरिएंट नहीं आता, तो हो सकता है कि तीसरी लहर आए ही नहीं. अग्रवाल उस तीन सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का हिस्सा हैं जिसे कोविड के मामलों की संख्या को लेकर पूर्वानुमान लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.

मनिंद्र अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में कहा, ‘‘नए आंकड़ों के आधार पर हम कह सकते हैं कि देश कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के चरम को नंवबर में देख सकता है, बशर्ते वायरस के अधिक संक्रामक वेरिएंट सामने आएं. उस परिस्थिति में हम रोजाना 1.5 लाख तक नए मामले देख सकते हैं और यह नवंबर में चरम पर होगा. हालांकि, इसकी व्यापकता दूसरी लहर की तरह नहीं होगी लेकिन पहली लहर से मिलती जुलती होगी.''

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उन्होंने बताया कि यह पूर्वानुमान अनुमानों पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि वायरस के डेल्टा वेरिएंट की वजह से देश में दूसरी लहर आई थी और मार्च से मई महीने के बीच इसने विकराल रूप धारण कर लिया था, लाखों लोग संक्रमित हुए थे जबकि हजारों लोगों की मौत हुई थी. सात मई को देश में कोविड-19 के सबसे अधिक 4,14,188 नए मामले आए थे. इस समय दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में वायरस के डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं.

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अग्रवाल ने नए आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अगर वायरस का अधिक संक्रामक वेरिएंट (इस समय देश में मौजूद वायरस के वेरिएंट के मुकाबले) नहीं आता है तो हो सकता है कि देश में तीसरी लहर नहीं आए.''

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उन्होंने कहा कि जल्द ही आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाएगा. उल्लेखनीय कि पिछले महीने सूत्र मॉडल टीम ने अनुमान लगाया था कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर अगस्त महीने में शुरू हो सकती है और अक्टूबर में चरम पर पहुंच सकती है. मॉडल में अनुमान लगाया गया था कि रोजाना डेढ से दो लाख नए मामले आ सकते हैं. हालांकि, अगस्त में मामलों में वृद्धि नहीं देखी गई.

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गणितीय विज्ञान संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक 14 से 16 अगस्त के बीच कोरोना वायरस महमारी का ‘रिप्रोडक्टिव वैल्यू' या आर वैल्यू (एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करने का औसत) 0.89 रहा. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जरूरी है कि यह एक से नीचे रहे.

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