नई दिल्ली: चुनाव आयोग कानूनों में बदलाव का पक्षधर है ताकि वह बिजली और पानी के बिलों को नहीं भरने वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर सके. आयोग ने कानून मंत्रालय से जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 में संशोधन करने को कहा है ताकि इस तरह के लोगों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने से रोका जा सके.
चुनाव आयोग के मुताबिक इसके लिए आरपी कानून के अध्याय 3 में संशोधन की जरूरत होगी जो चुनाव से संबंधित अपराधों से जुड़ा है. सरकारी बकाया नहीं अदा कर पाने के आधार पर अयोग्य घोषित करने के लिए कानून में एक नया खंड जोड़ना होगा.
यह मामला सरकार के पास लंबित है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त, 2015 के अपने आदेश में आयोग से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार उनके घरों में बिजली, पानी और टेलीफोन कनेक्शन देने वाली एजेंसियों से प्राप्त ‘नो ड्यूज’ प्रमाणपत्र जमा करें.
आयोग फरवरी 2016 से इस बात पर जोर दे रहा है कि उम्मीदवार एक निश्चित प्रारूप में एक अतिरिक्त हलफनामा जमा करें जिसके साथ इस तरह की सेवाएं देने वाली एजेंसियों से मिले ‘नो डिमांड’ प्रमाणपत्र संलग्न हों.