ICICI- वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने वेणुगोपाल धूत को दी जमानत

वेणुगोपाल धूत पर 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश करने का आरोप है.

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मुंबई:

आईसीआईसीआई (ICICI)-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने वेणुगोपाल धूत को जमानत दे दी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने वीएन धूत को 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. इस मामले में पहले ही आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया जा चुका है.

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशा निर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर कीं. 

अधिकारियों के अनुसार चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था.

आरोप है कि वेणुगोपाल धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया. सीबीआई ने 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ ऋण मंजूर किए थे.

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