22 जुलाई को संसद के घेराव के लिए खालिस्तानी आतंकी साजिश को लेकर IB का अलर्ट: सूत्र

संगठन के हेड गुरूपतवंत सिंह पन्नू ने कई वीडियो और ऑडियो मैसेज के जरिये 22 जुलाई को संसद के घेराव के लिए उकसाया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:


खालिस्तानी आतंकी माहौल खराब करने के लिए बड़ी साजिश रच रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस साजिश को लेकर IB ने अलर्ट जारी कर दिया है. सिख फ़ॉर जस्टिस को लेकर खुफिया विभाग ने बड़ा अलर्ट जारी किया है. संगठन के हेड गुरूपतवंत सिंह पन्नू ने कई वीडियो और ऑडियो मैसेज के जरिये 22 जुलाई को संसद के घेराव के लिए उकसाया.
पन्नू ने अपने मैसेज में पंजाब के नौजवानों को दिल्ली कूच करने के लिए कहा. साथ ही संसद पर कब्जा करने के उकसाया और उन्हें किरपाण और केसरी झंडे के साथ दिल्ली कूच के लिए कहा. इतना ही नहीं तिरंगे झंडे की जगह केसरी झंडा फहराने के लिए उकसाया. इस अलर्ट को IB द्वारा दिल्ली पुलिस समेत तमाम सुरक्षा बलों के साथ साझा किया गया है.

रोजाना 200 किसानों का जंतर-मंतर जाने का रास्ता साफ, अर्धसैनिक बलों की 5 कंपनियां होंगी तैनात

मालूम हो कि किसान आंदोलन तेज़ करने के लिए गुरुवार से पूरे संसद सत्र 200 किसान हर रोज़ सिंघू बार्डर से संसद मार्च करेंगे, दिल्ली पुलिस ख़ुद किसानों को अपने साथ जंतर मंतर तक ले जाएगी. मंगलवार दिनभर संयुक्त किसान यूनियन के नेता संसद मार्च की रणनीति बनाते नज़र आए. किसानों का कहना है कि वो संसद के बाहर अपनी किसान संसद लगाएंगे. हर रोज़ 200 किसानों को पहचान पत्र दिया जाएगा जो संसद की ओर मार्च करेंगे. किसानों का कहना है कि अगर उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोका तो वो चुपचाप बिना ज़बरदस्ती किए गिरफ़्तारी देंगे.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बातचीत करके किसानों को जंतर मंतर तक ले जाया जाएगा. करीब 200 के आसपास किसान बसों से जंतर मंतर जाएंगे. पुलिस निगरानी में बसें जंतर मंतर पहुंचेंगी. किसान सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर जंतर-मंतर पहुंचेंगे. जंतर-मंतर पर उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से बैठाया जाएगा. जंतर मंतर पर सुरक्षा के इंतजाम किये जा रहे हैं. सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 5-5 कंपनियां तैनात रहेंगी. सभी किसानों के ID Card चेक करने के बाद अंदर जाने दिया जाएगा. किसान शाम पांच बजे लौटेंगे.

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सिंघू बार्डर पर तैयार की गईं सीमेंट और कांटों की दीवारें बताती हैं कि दिल्ली पुलिस की तैयारी कितनी पुख़्ता है, दिल्ली पुलिस नहीं चाहती कि फिर से 26 जनवरी जैसी तस्वीरें दिल्ली में दोहराई जाएं.

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दिल्ली सरकार ने जंतर मंतर पर किसानों को धरना प्रदर्शन की इजाजत दी

संयुक्त किसान मोर्चा और दिल्ली पुलिस दोनों के सामने दो चुनौतियां हैं पहली चुनौती कि इस पूरे कार्यक्रम को शांतिपूर्ण कैसे रखा जाए क्योंकि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को किसान मार्च को इजाज़त दी जहां चीज़ें हाथ से निकल गईं. दूसरी चुनौती रहेगी कि अगर किसान संसद भवन तक पहुंच गए तो उन्हें नियंत्रण में कैसे रखा जाए.

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