ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुसीबते कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जहां वो फेक सर्टिफिकेट को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी है. वहीं उनके पिता भी भ्रष्टाचार की वजह से विवादों में आ चुके हैं. दरअसल पूजा खेड़कर के पिता पर भी पहले भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. जिस वजह से उन्हें दो बार निलंबित भी किया जा चुका है. दिलीप खेडकर को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते दो बार निलंबित किया गया था.
2018 में पहली बार किया गया था निलंबित
दिलीप खेडकर को पहली बार 2018 में निलंबित किया गया था. उन्हें फरवरी, 2020 में महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, साथ ही महाराष्ट्र जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) नियमों के तहत फिर से निलंबन का सामना करना पड़ा. रिश्वतखोरी और कदाचार के कई आरोपों में विभागीय जांच के परिणामस्वरूप निलंबन हुए थे.
पूजा के पिता पर क्या आरोप
मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, खेडकर पर 300-400 छोटे उद्यमियों द्वारा मुंबई क्षेत्र में व्यापार मालिकों और प्रतिष्ठानों को अनावश्यक परेशानी पैदा करने और उनसे अवैध रूप से पैसे वसूलने का आरोप लगाया गया था. ये शिकायतें 6 अक्टूबर, 2015 को राज्य के उद्योग, खनन, पर्यावरण और लोक निर्माण विभाग के मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष उठाई गईं. शिकायत को आधिकारिक तौर पर बोर्ड के पास पंजीकृत किया गया था.
साल 2018 में भी उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे जब वह कोल्हपुर में थे उनपर पानी और बिजली रिस्टोर करने के लिए पैसे मांगे थे , कोल्हापुर सॉ मिल और टिम्बर मर्चेंट ने कोल्हापुर के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के पुलिस उपाधीक्षक के पास शिकायत दर्ज करवायी थी . आरोप यह भी है कि दिलीप खेड़कर ने पानी और बिजली बहाल करने और नोटिस वापस लेने लिए 25000 और 50000 रुपए मांगे थे.
क्यों विवादों में पूजा खेडकर
महाराष्ट्र के पुणे पुलिस ने विवादों के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया है. पुलिस ने उन्हें पुणे कलेक्टर के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत के बारे में पुलिस स्टेशन आकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है. इस बीच वाशिम की पुलिस पूजा खेडकर के गेस्ट हाउस पहुंची. पूजा IAS एग्जाम पास करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विकलांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट के संबंध में अपने दावों के साथ-साथ पुणे में अपने कार्यकाल के दौरान अपने आचरण के लिए जांच के दायरे में हैं.