IAF के काफिले पर हमला : पुंछ में घना जंगल और भौगोलिक स्थिति सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती

सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा द्वारा संचालित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट हमले के पीछे हो सकता है.

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पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाने के कुछ दिनों बाद यह हमला हुआ है.
नई दिल्‍ली :

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुंछ जिले में एक काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद तलाशी अभियान जारी है. हमले में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) का एक जवान शहीद हो गया और पांच अन्य घायल हो गए हैं. पुंछ-राजौरी इलाके में स्थित घना जंगल और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति ने कई मौकों पर सुरक्षाबलों को खतरे में डाल दिया है, यह उनके लिए सबसे चिंताजनक बात है. इस इलाके में पहले भी सुरक्षाबलों को भारी क्षति उठानी पड़ी थी.    

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि जिन दो गाड़ियों पर शनिवार को हमला हुआ, वे बुलेट प्रूफ नहीं थीं. उन्‍होंने कहा, "एक वायु सेना की थी और दूसरी सेना की. वे एक छोटी पहाड़ी के ऊपर स्थित एक सुविधा से आपूर्ति एकत्रित करने के लिए जा रहे थे. सुविधा की ओर जाने वाली सड़क संकरी है और घने जंगल से गुजरती है. इस पर दो वाहन समानांतर नहीं चल सकते हैं.'' 

इलाके में स्थित घने जंगल सुरक्षाबलों के लिए अभियान चलाते समय बड़ी बाधा रहे हैं और पिछले दो सालों के दौरान उन्‍हें इस इलाके में भारी क्षति उठानी पड़ी है.  

एक अधिकारी ने कहा, "आतंकवादियों ने आसान लक्ष्य चुना. यह सुविधा एक दूरदराज के इलाके में स्थित है. इलाके में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों को पकड़ने के लिए कई दिनों से बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन घने जंगल और कठिन मौसम की स्थिति बाधा बन रहे थे.'' 

पुंछ-राजौरी इलाके में वह क्षेत्र भी है जहां एक पहाड़ी के ऊपर स्थित एक गुफा में छिपे आतंकवादियों ने पिछले साल दो स्‍पेशल फोर्सेज कैप्‍टन सहित सेना के पांच जवानों की हत्या कर दी थी. उस मुठभेड़ में भी जंगल और भौगोलिक स्थिति चुनौती साबित हुई थी. 

पुंछ हमले के पीछे PAFF का हाथ!

सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा द्वारा संचालित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (People's Anti-Fascist Front) का कैडर शनिवार के हमले के पीछे हो सकता है. यह हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाने के कुछ दिनों बाद किया गया है. 

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सरकारी अधिकारी ने कहा, "लश्कर पर्दे के पीछे से काम करता है और शुरुआती जानकारी के मुताबिक, हमले के पीछे पीएएफएफ का हाथ लगता है."

इस इलाके में खतरा और बढ़ गया है और गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को सतर्क रहने के लिए कहा है. अधिकारी ने कहा, "अगले 20 दिन तनावपूर्ण रहने वाले हैं." अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में मतदान पहले 7 मई को होना था, लेकिन अब यहां पर 25 मई को मतदान होगा. 

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पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख ने उठाया था कश्‍मीर का मुदृा 

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने दो दिन पहले खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान एयर फोर्स एकेडमी की एक परेड में कश्मीर के बारे में बात की थी. उन्होंने कश्मीर पर इस्लामाबाद की स्थिति के लिए अंतरराष्‍ट्रीय समर्थन की कमी पर निराशा व्यक्त की और कहा कि "कश्मीर पर दुनिया की चुप्पी बहरा करने वाली है." 

पाकिस्तान सेना प्रमुख ने फरवरी 2019 में बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्‍तान एयर फोर्स और भारतीय वायु सेना के बीच हवाई संघर्ष का मुद्दा भी उठाया था. 

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