''आंदोलन खत्म करने की बात मैं नहीं कहूंगा'', एनडीटीवी से बोले योगेंद्र यादव

योगेंद्र यादव ने कहा कि आंदोलन खत्म करने की बात मैं नहीं कहूंगा. किसान का आंदोलन लंबा है, चलता रहेगा. लेकिन जो मोर्चे हैं वो 11 तारीख से उठा लिए जाएंगे. जनता की नज़रों से खत्म हो गया लेकिन किसान का आंदोलन जारी है.

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किसान आंदोलन खत्म करने के फैसले पर योगेंद्र यादव ने की एनडीटीवी से बात. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

एक साल से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान अब घर वापसी करेंगे. किसानों ने अपना आंदोलन ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है. 11 दिसंबर से किसान अपने-अपने घरों के लिए रवानगी भरेंगे. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा मांगों पर नरम रुख अपनाने पर किसानों ने भी आंदोलन को समाप्त करने का मन बनाया है. किसानों के आंदोलन खत्म करने के फैसले पर किसान नेता योगेंद्र यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. योगेंद्र यादव ने कहा कि आंदोलन खत्म करने की बात मैं नहीं कहूंगा. किसान का आंदोलन लंबा है, चलता रहेगा. लेकिन जो मोर्चे हैं वो 11 तारीख से उठा लिए जाएंगे. जनता की नज़रों से खत्म हो गया लेकिन किसान का आंदोलन जारी है.

उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को किसानों के प्रतिनिधि दिल्ली में बैठ के समीक्षा करेंगे. सरकार ने केस वापस लेने और मुआवजा देने की सहमति दे दी है. लेकिन इसमें चौकिदारी करनी पड़ेगी, इसलिए एक महीने बाद मिलेंगे. एमएसपी की लड़ाई के लिए 15 को वापस आएंगे. एमएसपी पर बस पांव रखने की जगह मिली है. सरकार ने मान लिया है कि आज जो एमएसपी पर खरीद होती थी, उसे बनाया रखा जाएगा.

योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की कमेटी का सर पैर ही नहीं पता. किसानों के ऐसी कमेटी से कुछ मिला नहीं. बाद में ही पता चलेगा कि ये कितनी कारगार होगी. किसानों को भी पता चल गया है कि एमएसपी क्या है. लड़ाई लंबी है, एमएसपी नहीं मिली है.. इसके लिए लड़ना होगा. उन्होंने कहा कि हमने एमएसपी पर अपनी ओर से कोई घोषणा नहीं की है. हमारे 5 लोगों की कमेटी बस सरकार से बात करने के लिए थी. ये मुद्दा रहा है कि हज़ारो साथियों को छोड़ कर नहीं जा सकते. 15 दिन से जो हम रुके थे, उसकी सबसे बड़ी वजह यही थी.

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सरकार द्वारा किसानों को भेजे गए पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज सरकार ने जो पत्र भेजा उसमें लिखा है कि सरकार हर राज्य में लगे केस वापस लेगी. इस समय किसान जैसी ताकत किसी के पास नहीं है. इस देश के नेताओं को एक सबक मिल गया है कि किसानों से पंगा नहीं लेना. पीएम ने हमें आंदोलनजीवी कहा था, पीएम को मैं कहना चाहता हूं कि आज तो आंदोलनजीवी जीते हैं. आप भी जिस कुर्सी पर बैठे हैं, वो आंदोलन की वजह से ही है. आंदोलन नहीं रहेंगे तो लोकतंत्र में काई जम जाएगी.

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