प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम मुंबई में शिवसेना (Shiv Sena) के नेता संजय राऊत (Sanjay Raut) के घर पर पहुंच गई है. पतरा चाल भूमि घोटाला मामले (Patra Chawl land scam case) में दो बार बुलाने पर भी संजय राऊत जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. यही कारण है कि ईडी की टीम आज सुबह-सुबह उनके घर पर पहुंच गई है. ईडी की कार्रवाई पर संजय राउत भड़क गए. उन्होंने टीम के उनके घर पर पहुंचने के बाद ट्वीट करके कहा कि, ''महाराष्ट्र और शिवसेना लड़ते रहेंगे.'' राउत ने कहा कि, ''अब भी नहीं छोडूंगा शिवसेना.'' राउत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ''झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत, मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा, आखिरी सांस तक नहीं छोड़ूंगा.''
संजय राउत ने ट्वीट करके कहा कि, ''मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है. मैं बालासाहेब ठाकरे की कसम खाता हूं. उन्होंने हमें लड़ना सिखाया है. शिवसेना के लिए लड़ता रहूंगा.''
प्रवर्तन निदेशालय का तलाशी अभियान शुरू होने पर शिवसेना के कार्यकर्ता पार्टी के नेता संजय राउत के आवास के बाहर जमा हो गए हैं.
शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि, ''संजय राउत को चुप कराने के लिए यह राजनीतिक कार्रवाई है. देश सब देख रहा है. जनता इसका जवाब देगी.''
दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक राम कदम ने एक वीडियो जारी किया. उन्होंने उसमें कहा कि, ''यदि शिवसेना नेता ने पैसों की कुछ धांधली नहीं की है, तो तीन दिन पूर्व ईडी अफसरों ने जब उन्हें जांच के लिए बुलाया, वे क्यों नहीं गए? अफसरों के सवालों से बचने का क्या कारण है? उनके पास सुबह, दोपहर, शाम पत्रकार वार्ता करने के लिए समय है, पर ईडी के अफसरों के सवालों का जवाब देने के लिए उनके पास समय नहीं है. क्या देश इस बात की सच्चाई नहीं जानता? यह बदला हुआ भारत है. इस भारत में नेता हो, अभिनेता हो, उद्योगपति हो, छोटा हो, बड़ा हो, कानून के सामने सब समान हैं. कानून अपनी कार्रवाई करेगा.''
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आज सुबह करीब 7 बजे शिवसेना नेता संजय राउत के आवास पर पहुंचे. उनसे राउत से पतरा चाल भूमि घोटाला मामले में पूछताछ की जा रही है. जांच एजेंसी की टीम के साथ सीआरपीएफ के अधिकारी भी हैं. यह टीम आज सुबह मुंबई के पूर्वी उपनगर भांडुप में संजय राउत के घर पहुंचे हैं.
पतरा चाल भूमि घोटाला मामले में ईडी की तीन टीमें अलग-अलग स्थानों पर सर्च कर रही हैं. इनमें से एक टीम संजय राउत के मुंबई निवास पर पहुंची है.
संजय राउत ने एक जुलाई को अपना बयान दर्ज कराया था. फिर उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी. बाद में उनको 20 जुलाई और फिर 27 जुलाई को तलब किया गया था. तब राउत ने कहा था कि वे संसद का सत्र चलने के कारण ईडी के सामने फिलहाल पेश नहीं होंगे. उन्होंने कहा था कि वे 7 अगस्त के बाद ही पेश हो पाएंगे.
ईडी के मुताबिक पतरा चाल के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था. गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्टर HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और प्रवीण राउत थे. कंपनी पर आरोप है कि उसने म्हाडा को गुमराह कर वहां की FSI पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेचकर 901 करोड़ जमा किए, फिर मिडोज नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू करके 138 करोड़ रुपये फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले. लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नहीं दिया. इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए.
ईडी का आरोप है कि बाद में HDIL ने गुरु आशीष कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण राउत को 100 करोड़ रुपये दिए जिसमें से प्रवीण राउत ने 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को दिए थे, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है.
संजय राउत के घर ईडी की जांच, समन के बावजूद नहीं हुए थे पेश