मैंने कहा था उन्हें मिट्टी में मिला देंगे, वचन पूरा करके ही बिहार आया हूं... रोहतास की मैगा रैली में पीएम मोदी

पीएम मोदी ने बिक्रमगंज की रैली में कहा कि बिहार की धरती से आंख में आंख मिलाकर हमने कहा दिया था कि आतंक और आतंक के आकाओं के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. आज जब मैं बिहार आया हूं, तो अपना वादा पूरा करने के बाद आया हूं.

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बिक्रमगंज:

PM Modi Bihar Rally: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बिक्रमगंज की रैली में कहा कि मैंने कहा था उन्हें मिट्टी में मिला देंगे, वचन पूरा करके ही बिहार आया हूं. पहलगाम हमले के एक दिन बाद मैंने बिहार का दौरा किया था और कहा था कि आतंकवादी शिविर नष्ट कर दिए जाएंगे, मैंने वह वादा पूरा किया. बिहार की धरती से आंख में आंख मिलाकर हमने कहा दिया था कि आतंक और आतंक के आकाओं के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. बिहार की धरती से मैंने कहा था कि उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. आज जब मैं बिहार आया हूं, तो अपना वादा पूरा करने के बाद आया हूं. जिन लोगों ने पाकिस्तान में बैठकर हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था. हमारी सेना ने उनके ठिकानों को खंडहर में बदल दिया. 

तब ना तो अस्पताल होता था ना मोबाइल टॉवर

बिहार में एनडीए की गठबंधन सरकार से पहले के हालात का जिक्र करते हुए हुए कहा, 'एक समय था, जब बिहार में नक्सल प्रभावी गांवों में ना तो अस्पताल होता था ना मोबाइल टॉवर. कभी स्कूल जलाए जाते थे. कभी सड़क बनाने वालों को मार दिया जाता था. इन लोगों का बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर कोई विश्वास नहीं है. नीतीश जी ने उन परिस्थितियों में भी यहां विकास की पूरी कोशिश की. 2014 के बाद से हमने इस दिशा में और तेजी से काम किया. आज हालात यहां पूरी तरह से बदले हुए है, जो दिखाई देता है. हम युवाओं को मुख्‍यधारा में लेकर आए हैं.   

11 सालों की प्रतिज्ञा का फल मिल रहा

मोदी सरकार ने नक्‍सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने की तारीख तय कर दी है. पीएम मोदी ने कहा, 'हमने माओवादियों को उनके किए की सजा देनी शुरू की. हमने युवाओं को विकास की मुख्य धारा में भी लेकर आए. 11 सालों की प्रतिज्ञा का फल देश को मिलना शुरू हुआ है. 2014 से पहले देश में सवा सौ से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित थे. अब सिर्फ 18 जिले नक्सल प्रभावित बचे हैं. अब सरकार सड़क भी दे रही है रोजगार भी दे रही है. वो दिन दूर नहीं जब माओवादी हिंसा का पूरी तरह से खात्मा हो जाएगा. शांति सुरक्षा शिक्षा और विकास गांव-गांव तक बिना रुकावट के पहुंचेंगे. साथियों सुरक्षा व शांति आती है. तभी विकास के नए रास्ते खुलते हैं. यहां नीतीश जी के नेतृत्व में जब जंगल राज वाली सरकार की विदाई हुई, तो बिहार भी प्रगति के मार्ग के आगे बढ़ने लगे. टूटे हाईवे, खराब रेलवे, गिनी चुनी फ्लाइट कनेक्टिविटी. वो डर और वो दौर अब इतिहास बन चुका है. 

विकास की पटरी पर दौड़ रहा बिहार

बिहार में पिछले 11 सालों में तेजी से विकास हुआ है. विकास की पटरी पर दौड़ते बिहार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'कभी बिहार में एक ही एयरपोर्ट था पटना, आज दरभंगा से भी फ्लाइट चल रही है. बिहार हर तरफ तेजी से विकास हो रहा है. गंगा, सोन, गंडक, कोशी समेत सभी प्रमुख नदियों पर नए पुल बनाए जा रहे हैं. हजारों करोड़ की ऐसी परियोजनाएं बिहार में नए अवसर और संभावनाओं का निर्माण कर रही हैं. इन प्रोजेक्ट्स से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा. यहां पर्यटन और व्यापार दोनों को फायदा होगा. बिहार में रेलवे की हालत भी अब तेजी से बदल रही है. आज बिहार में वर्ल्ड क्लास वंदे भारत ट्रेने चल रही हैं. रेलवे लाइनों को डबल और ट्रिपल किया जा रहा है. छपरा, कटिहार जैसे इलाकों में काम तेजी से चल रहा है.

बिजली के बिना विकास अधूरा

बिहार के लालू राज के हालातों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'जंगल राज वालों के झूठ और धोखों से आगे भी सावधान रहना जरूरी है. बिजली के बिना विकास अधूरा है. जब बिजली होती है, तो औद्योगिक विकास होता है. जब बिजली होती है, तो जीवन आसान होता है. 21वीं सदी तो टेक्नोलॉजी से दौड़ने वाली सदी है. इसलिए डगर-डगर पर इसकी जरूरत पड़ेगी. आज बिहार में बिजली की खपत 10 साल पहले से चार गुणा हो गई है. नबीनगर एनटीपीसी का  बड़ा पावर प्रोजेक्ट बन रहा है. इसपर 30 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे बिहार को रोज 1500 मेगावाट बिजली मिलेगी. बक्सर और पिरपैंती में भी नए थर्मल प्लांट शुरू हो जाएंगे. अब हमारा ध्यान भविष्य की ओर है. हमे बिहार को ग्रीन एनर्जी की ओर लेकर जाना है. इसलिए कजरा में सोलर पार्क का निर्माण भी हो रहा है. पीएम कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा से किसानों को कमाई के विकल्प दिए जा रहे हैं.

बिहार में सामाजिक न्याय का नया सवेरा

दलित और पिछड़ा वर्ग के लोगों के पास पहले पक्का घर नहीं था, उनके पास घर नहीं था. करोड़ों लोगों के सिर पर छत तक नहीं थी. बिहार के लोगों की ये दुर्दशा क्या ये कांग्रेस-आरजेडी का यही सामाजिक न्याय था. इससे ज्यादा अन्याय और कुछ नहीं हो सकता है. कांग्रेस और आरजेडी वालों ने कभी दलित और पिछड़ों की तकलीफों की कभी चिंता नहीं की. ये लोग विदेशियों को बिहार की गरीबी दिखाने के लिए घुमाने लाते थे. अब जब दलित, वंचित और पिछड़ा समाज ने कांग्रेस को उनके पापों के कारण छोड़ दिया है तो, अब ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए सामाजिक न्याय का गाना गा रहे हैं. बिहार में सामाजिक न्याय का नया सवेरा एनडीए के दौर में दिखा है. हमने गरीबों तक सुविधाओं के लिए काम किया है. 4 करोड़ नए मकान, 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी, 12 करोड़ लोगों को जल-नल का कनेक्शन, हर महीने मुफ्त राशन की सुविधा. हमारी सरकार हर गरीब और जरूरतमंद के साथ खड़ी है. हम चाहते हैं कि कोई भी गांव छूटे नहीं, कोई भी हकदार परिवार सरकार की योजनाओं से वंचित ना रह जाए.

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