चीफ जस्टिस एनवी रमना के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है.इस मौके पर एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सेरेमोनियल बेंच के सामने लगे मामलों की लाइव-स्ट्रीमिंग की गई. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है और अंतिम दिन को चिह्नित करने के लिए ऐसा किया गया. चीफ जस्टिस एनवी रमना ने अपने कार्यकाल में जल्दी सुनवाई के लिए मुकदमों को सूचीबद्ध करवाने पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के लिए अपनी आखिरी समारोह पीठ में क्षमा मांगी. CJI ने कहा कि आई एम सॉरी.. जस्टिस रमना ने समारोह पीठ को संबोधित करते हुए कहा कि सोलह महीनों में सिर्फ पचास दिन ही प्रभावी और पूर्णकालिक सुनवाई कर पाया हूं, कोविड के कारण कोर्ट पूरी तरह काम नहीं कर पाया, लेकिन उन्होंने पूरी कोशिश की कि सुप्रीम कोर्ट का कामकाज चलता रहे.
इससे पहले प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों के काम की तारीफ की. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के कर्मचारी एक अदृश्य शक्ति हैं, जो न्याय देने में संस्था की मदद करते हैं. न्यायमूर्ति रमना ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के कर्मचारियों के योगदान की सराहना की, जिसके चलते शीर्ष अदालत एक दिन का भी अवकाश लिए बिना लगातार काम करना जारी रख सकी. उच्चतम न्यायालय कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि पिछले 16 महीनों से भारत के प्रधान न्यायाधीश और आठ वर्ष तक शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में काम करने का उनका अनुभव अद्भुत रहा है.
प्रधान न्यायाधीश ने ये भी कहा था कि एक समय शीर्ष अदालत के 500 कर्मचारी एक दिन में कोविड-19 से संक्रमित मिले थे. यह एक भयावह स्थिति थी. आप सभी ने घातक महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया. आपने यह सुनिश्चित किया कि उच्चतम न्यायालय एक दिन का अवकाश लिए बिना काम करता रहे. यह संस्था के प्रति आपके समर्पण का प्रतीक है. आप सभी को मेरा सलाम. ” न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों की जायज चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश की.
(इनपुट्स भाषा से भी)