हैदरपुरा मुठभेड़ केस : कब्र खोदकर कथित आतंकी का शव देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

श्रीनगर के हैदरपुरा में पिछले साल नवंबर में हुई मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर माग्रे के पिता ने अपने बेटे के शव को कब्र से निकालने की मांग की थी ताकि वो रस्मों के मुताबिक बेटे का अंतिम संस्कार कर सके.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
हैदरपुरा मुठभेड़ में मारे गए कथित आतंकी आमिर माग्रे का शव कब्र खोदकर देने से SC ने इनकार किया है.
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर की हैदरपुरा मुठभेड़ में मारे गए कथित आतंकी आमिर माग्रे का शव कब्र खोदकर अंतिम संस्कार के लिए उसके पिता को देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने कब्र पर प्रार्थना करने की इजाजत देने और 5 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश बरकरार रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने हलफनामे में कहा है कि पूरे सम्मान और रस्मों के साथ शव का अंतिम संस्कार किया गया था. ऐसे में हाईकोर्ट का कब्र ना खोदने का फैसला बिल्कु्ल सही और वाजिब था. कोर्ट ने कहा कि एक शव को दफना दिए जाने के बाद, वह कानून की कस्टडी में रहता है. अदालत ने कहा कि एक बार दफनाने के बाद शव से छेडछाड़ नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह कोई अधिकार नहीं है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रत्येक मामले को व्यक्तिगत रूप से तय किया गया है और इस पर शक करने की कोई गुंजाइश नहीं है कि मृतक को सम्मान के थ नहीं दफनाया गया था. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि हम पिता की भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन कोर्ट भावनाओं पर फैसला नहीं कर सकता.

ज्ञानवापी प्रकरण: श्रंगार गौरी केस में कब क्या हुआ? देखें मामले से जुड़ी टाइमलाइन

पिछले साल श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में मारे गए कथित आतंकी के पिता ने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की डबल बेंच का आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 और 25 का उल्लंघन है, जो मृतक के अंतिम संस्कार किए जाने का अधिकार देता है एवं उसकी रक्षा करता है और परिजनों को धार्मिक प्रथाओं को पूरा करने की अनुमति देता है.

"क्‍या इंटरनेट बंद करने को लेकर कोई प्रोटोकॉल है" : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल

याचिका में कहा गया है कि अगर याचिकाकर्ता का बेटा एक आतंकवादी था, फिर भी वह संविधान के अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 25 के तहत अपनी धार्मिक प्रथाओं के अनुसार अंतिम संस्कार का हकदार है. साथ ही याचिकाकर्ता ने सरकार के द्वारा दिए गए इस तर्क का भी विरोध किया है कि यदि याची को शव को निकालने की अनुमति दी जाती है, तो इसका गलत संदेश जाएगा और इसी तरह की याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी.

याचिका में कहा गया है कि अगर ऐसा होता है भी तो भविष्य में होने वाले ऐसे मुकदमों की अधिकता की संभावना व्यक्त करते हुए कोई भी अदालत मौलिक अधिकारों को लागू करने पर रोक नही लगा सकती. 

Advertisement

दरअसल, श्रीनगर के हैदरपुरा में पिछले साल नवंबर में हुई मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर माग्रे के पिता ने अपने बेटे के शव को कब्र से निकालने की मांग की थी ताकि वो रस्मों के मुताबिक बेटे का अंतिम संस्कार कर सके लेकिन जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Featured Video Of The Day
Jhansi Medical College Fire: Short Circuit से लगी थी आग, जांच रिपोर्ट में क्या-क्या आया सामने