- ED ने हैदराबाद में अवैध खनन मामले में 80.05 करोड़ रुपए की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की हैं.
- Santhosh Sand & Granite Supply और उसके मालिकों पर नियमों का उल्लंघन कर अवैध खनन करने का आरोप है.
- जांच में पाया गया कि कई संपत्तियां बेनामी धारकों के नाम थीं, असली मालिक गुडेम माधुसूदन रेड्डी हैं.
अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ड़ी कार्रवाई की है. ED के हैदराबाद ज़ोनल ऑफिस ने अवैध खनन के एक बड़े मामले में 80.05 करोड़ रुपए की चल–अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच कर दी हैं. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत की गई है. मामला Santosh Sand & Granite Supply से जुड़ा हुआ है.
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सरकार को धोखा देकर ज्यादा खनन करने का आरोप
ED ने यह कार्रवाई पटांचेरू पुलिस, तेलंगाना द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू की. आरोप है कि कंपनी Santhosh Sand & Granite Supply, इसके प्रोपराइटर गुडेम माधुसूदन रेड्डी और उनके सहयोगियों ने सरकार को धोखे में रखकर तय सीमा से कई गुना ज़्यादा खनन किया. इसके अलावा सरकारी अनिर्धारित ज़मीन पर भी अवैध खनन किया गया. इससे सरकार को 39.08 करोड़ रुपए का रॉयल्टी नुकसान हुआ, जबकि आरोपी अवैध खनन से 300 करोड़ रुपए तक का फायदा उठा चुके हैं.
बेनामी धारकों के नाम पर थीं संपत्तियां
जांच के दौरान ED ने कई ठिकानों पर तलाशी ली, जहां से बड़ी संख्या में असली प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए. ये भी पता चला कि ये प्रॉपर्टीज़ भले ही अलग-अलग लोगों के नाम पर थीं, लेकिन असली मालिक गुडेम माधुसूदन रेड्डी ही हैं.पूछताछ में पता चला कि जिनके नाम पर संपत्तियां थीं, वे सभी बेनामी धारक थे.
नियमों के खिलाफ जाकर किसी और को दिया लाइसेंस
सरकार ने खनन का लाइसेंस Santhosh Sand & Granite Supply के नाम पर दिया था. लेकिन कंपनी ने बिना अनुमति के यह काम GVR इंटरप्राइसेज को सब-कॉन्ट्रैक्ट कर दिया, जिसमें खुद गुडेम माधुसूदन रेड्डी और G. विक्रम रेड्डी पार्टनर हैं. यह सब-कॉन्ट्रैक्टिंग नियमों के खिलाफ था और सरकार की अनुमति भी इसके लिए नहीं ली गई थी.
अवैध खनिज कैश में बेचे, फिर खरीदी संपत्ति
ED की जांच के मुताबिक, अवैध रूप से निकाले गए खनिजों की बिक्री ज़्यादातर कैश में की जाती थी. इसी कैश को आगे चलकर बेनेमी संपत्तियां खरीदने में लगाया गया. इस तरह से कमाई को छिपाने के लिए जगह-जगह प्रॉपर्टी खरीदी गई. इसी आधार पर ED ने 81 प्रॉपर्टीज़ (कुल मूल्य ₹78.93 करोड़) और 1.12 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉज़िट्स को भी अटैच कर दिया है. आगे की जांच जारी है.













