सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हैदराबाद मुठभेड़ (Hyderabad encounter) मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले आयोग (inquiry Commission) का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ाया. यह जांच आयोग हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप और हत्या के चार आरोपियों की एक मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच कर रहा है. इससे पहले जुलाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने यह कार्यकाल 6 महीने बढ़ाया था. SC के रिटायर जस्टिस वीएस सिरपुरकर की जांच कमेटी ने जांच पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने की मांग की थी. उन्होंने इसके लिए कोरोना के दौरान आई दिक्कत का हवाला दिया था.
'चुटकुले हकीकत नहीं होते': अवमानना केस में कॉमेडियन कुणाल कामरा का माफी मांगने से इनकार
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग के आवेदन पर सुनवाई करते हुए उसका कार्यकाल बढ़ाने के बारे में आदेश पारित किया. न्यायालय ने 12 दिसंबर 2019 को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी थी. आयोग का कहना है कि कोरोना संकट के चलते हैदराबाद एनकाउंटर मामले की जांच तय समय में पूरी नहीं हो पाई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल में पिछले साल 9 माह में 43,713 मामलों में सुनवाई की, 231 दिन कार्य किया
इस कमेटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस वीएस सिरपुरकर हैं और सदस्यों में सीबीआई के रिटायर्ड निदेशक डीआर कार्तिकेयन और बॉम्बे हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रेखा बल्दोता हैं. कमेटी के तीनों सदस्य वरिष्ठ नागरिक हैं जिन्हें कोरोना संकट काल में जांच पूरी करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. कोरोना संकट काल से पहले जांच के शुरुआती समय में जांच कमेटी को करीब 1400 सौ लोगों के एफिडेविट मिले हैं, जिनमें करीब 1300 लोगों ने हैदराबाद एनकाउंटर को सही बताते हुए पुलिसकर्मियों कोनिर्दोष बताया है.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी