किसानों के एक ताकतवर गुट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर जिले के शोरम कस्बे में एक अहम खाप पंचायत बुलाई है, जिसमें देश के कुछ शीर्ष पहलवानों द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शन पर फ़ैसला किया जाएगा. इन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ प्रमुख पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता और बालियान खाप प्रमुख नरेश टिकैत ने घोषणा की है कि ऐतिहासिक शोरम चौपाल में आयोजित महापंचायत के दौरान पहलवानों का विरोध ही केंद्रीय मुद्दा होगा.
पहलवानों ने इसी साल जनवरी में देश की राजधानी नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, और वे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जिन पर महिला एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है.
मंगलवार को घटनाक्रम ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया था, जब ओलिम्पिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और एशियाई खेल चैम्पियन विनेश फोगाट सहित कई शीर्ष पहलवान हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर एकत्रित हुए. पहलवानों ने BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में अपने द्वारा जीते गए विश्व चैम्पियनशिप और ओलिम्पिक मेडल गंगा नदी में बहा देने की धमकी दी थी.
बहरहाल, टिकैत और अन्य खाप व किसान नेताओं ने पांच दिन के भीतर समाधान का वादा करते हुए पहलवानों को मेडल बहाने से रोकने के लिए मना लिया. टिकैत ने मीडिया को अपने संदेश में एथलीटों की प्रशंसा करते हुए कहा, "उनकी वजह से हम अंतरराष्ट्रीय खेल क्षेत्र में अपना सिर ऊंचा रखते हैं... हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें शर्म से सिर नहीं झुकाना पड़े..."
महापंचायत में विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली से उनके प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है, ताकि पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का अगला कदम तय किया जा सके.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने रविवार, 28 मई को कई पहलवानों को हिरासत में लिया था और उनके खिलाफ कानून एवं व्यवस्था के उल्लंघन के लिए FIR दर्ज की थी. उसी दिन, एथलीटों के धरनास्थल को भी खाली करवा लिया गया था, जब उन्होंने भारत के नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की थी.
इस बीच, कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय शासी निकाय यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जांच में नतीजे नहीं आने की भी आलोचना की है. एक बयान में UWW ने भारतीय ओलिम्पिक संघ (IOA) को 45 दिन के भीतर WFI के लिए नए सिरे से चुनाव कराने के वादे की याद दिलाई, और चेतावनी दी कि ऐसा करने में विफलता महासंघ के निलंबन का कारण बन सकती है. UWW ने एथलीटों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की और उनकी हालत पर चर्चा के लिए पहलवानों के साथ बैठक की योजना बनाई है.