राजस्थान चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने रविवार को कांग्रेस की विशाल जनसंपर्क पहल की घोषणा करते हुए, पार्टी के "वरिष्ठ" नेताओं को एक छोटी सी चुनौती दे दी. सोनिया गांधी ने कहा कि हम सभी इसमें भाग लेंगे. यात्रा सामाजिक सद्भाव के बंधनों को मजबूत करने के लिए है जो इस समय तनाव में हैं, हमारे संविधान के मूलभूत मूल्यों को संरक्षित करने के लिए और हमारे करोड़ों लोगों की दिन-प्रतिदिन की चिंताओं को उजागर करने के लिए इस यात्रा की जरूरत है.
तीन दिवसीय चिंतन शिविर के समापन दिवस में बोलते हुए सोनिया गांधी ने मजाक के लहजे में कहा कि हम सभी इस पदयात्रा में भाग लेंगे. 'वरिष्ठों' को इसमें मेरे जैसे वरिष्ठों को समायोजित करने के तरीके खोजने होंगे ताकि बिना सांस फूले यात्रा में आसानी से भाग लिया जा सके.सोनिया गांधी की इस टिप्पणी पर नेताओं ने जोर-जोर से नारे लगा कर उनका स्वागत किया. बताते चलें कि सोनिया गांधी स्वयं पिछले कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रही हैं.
गौरतलब है कि 2016 में, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों की शुरुआत करने के लिए आयोजित रैली को स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी को छोड़ना पड़ा था. उस समय कांग्रेस ने कहा था वो डिहाइड्रेशन की शिकार हो गयी है. हालांकि इस बार उनके आदिवासी बहुल दक्षिण राजस्थान के बांसवाड़ा के बनेश्वर धाम में एक जनसभा को संबोधित करने की उम्मीद है. जहां अगले साल चुनाव होने हैं. मालूम हो कि राजस्थान में पार्टी अपनी सरकार को वापस लाने के प्रयासों में लगी है. बताते चलें कि अपने छोटे से संबोधन के अंत में सोनिया गांधी ने तीन बार जोर देकर कहा कि "हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे- यही हमारा संकल्प है, यही हमारा संकल्प है.
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