‘डॉक्टर्स मॉड्यूल’ का भंडाफोड़ कैसे हुआ? लाल किला ब्लास्ट केस का सबसे बड़ा खुलासा

जांच एजेंसियों ने लाल किला क्षेत्र में मोबाइल टॉवर डंप एनालिसिस शुरू किया है. इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि डॉ. उमर ने दोपहर 3 बजे से शाम 6:30 बजे तक किन लोगों से संपर्क किया.

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Red Fort Bomb Blast Updates: सुरक्षा एजेंसियां ‘डॉक्टर्स मॉड्यूल’ से जुड़े एक-एक किरदार को तलाश रही हैं.
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  • लाल किला ब्लास्ट केस में डॉक्टरों के आतंकवादी मॉड्यूल की पहचान सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनी है
  • दो टेलीग्राम ग्रुप्स फ़र्ज़ंदान-ए-दारुल उलूम और उमर बिन ख़त्ताब को इस चरमपंथी नेटवर्क की जड़ माना गया है
  • जांच में पता चला कि ये ग्रुप्स पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा संचालित किए जा रहे हैं
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लाल किला ब्लास्ट केस में डॉक्टरों पर लगे आरोप इसे और खतरनाक बना रहे हैं. अब तक आतंकवाद का चेहरा गरीब और नासमझ युवाओं को बनते देखा गया है, मगर पढ़-लिखकर डॉक्टर बन चुके लोगों और खासकर महिलाओं का ब्रेन वॉश करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गया है.  इसे आतंकवाद का ‘डॉक्टर्स मॉड्यूल' कहा जा रहा है. मगर सवाल ये है कि ‘डॉक्टर्स मॉड्यूल' के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को कैसे पता चला और अब तक क्या जानकारी मिली.  

दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों के जांच के दायरे में दो टेलीग्राम ग्रुप्स आए. इन्हीं टेलीग्राम ग्रुप्स को इस चरमपंथी नेटवर्क की जड़ माना गया है. इनके नाम हैं...

  • फ़र्ज़ंदान-ए-दारुल उलूम (देवबंद)
  • उमर बिन ख़त्ताब 

जांच में पता चला कि पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्माद के इसे हैंडल कर रहे हैं. डॉ. उमर (लाल किला बम हमले का आरोपी) और इमाम इरफान अहमद (शोपियां) ने कथित तौर पर इन्हीं ग्रुप्स के माध्यम से कट्टरपंथ का रास्ता चुना. शुरुआती चैट्स कश्मीर की आज़ादी और कश्मीरियों के दमन जैसे विषयों पर केंद्रित थीं, जो बाद में वैश्विक जिहाद और अन्याय के बदले वाली विचारधारा में बदल गई.

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तुर्की कनेक्शन

जांचकर्ताओं को शक है कि इनकी मुलाकात अपने हैंडलर्स से एक यात्रा के दौरान हुई थी. इस मॉड्यूल के सदस्यों की तुर्की यात्रा को इनके मजबूत होने का अहम कारण माना जा रहा है. तुर्की से लौटने के बाद इस मॉड्यूल ने अपने नेटवर्क को पूरे देश में फैलाने का निर्णय लिया. इसके बाद डॉ. मुज़म्मिल ने फरीदाबाद में अल फलहा मेडिकल कॉलेज ज्वॉइन किया. डॉ. अदील की पोस्टिंग सहारनपुर में हुई. अन्य सदस्यों को भर्ती और लॉजिस्टिक कार्यों के लिए अलग-अलग राज्यों में तैनात किया गया. अब एजेंसियां उन सभी लोगों की मैपिंग कर रही हैं, जो इस मॉड्यूल के सदस्यों के संपर्क में आए.

हैंडलर की तलाश

जांच एजेंसियों ने लाल किला क्षेत्र में मोबाइल टॉवर डंप एनालिसिस शुरू किया है. इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि डॉ. उमर ने दोपहर 3 बजे से शाम 6:30 बजे तक किन लोगों से संपर्क किया. ठीक उस समय से पहले जब उसने अपनी कार पार्किंग से बाहर निकाली, वह किसके संपर्क में था. इससे प्राप्त डीटेल अंतिम क्षण के निर्देशों या हैंडलर से हुई बातचीत ट्रेस करने में मदद करेगी. 

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