लाल किला ब्लास्ट केस में डॉक्टरों के आतंकवादी मॉड्यूल की पहचान सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनी है दो टेलीग्राम ग्रुप्स फ़र्ज़ंदान-ए-दारुल उलूम और उमर बिन ख़त्ताब को इस चरमपंथी नेटवर्क की जड़ माना गया है जांच में पता चला कि ये ग्रुप्स पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा संचालित किए जा रहे हैं