महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आए 6 दिन हो चुके हैं. 26 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है. कौन सरकार बनाएगा, ये भी तय है. लेकिन मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए, ये फाइनल ही नहीं हो पा रहा. 6 दिन से अलग-अलग बैठकों का सिलसिला चल रहा है. गुरुवार को दिल्ली में गृह मंत्री के घर पर देर रात महायुति की बैठक हुई. इसमें देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल हुए. 2 घंटे चली बैठक के बाद भी कुछ तय नहीं हो पाया. शुक्रवार को मुंबई में महायुति की दो बैठकें होनी थीं. ऐन वक्त पर इन्हें कैंसिल कर दिया गया. इस बीच एकनाथ शिंदे अचानक सतारा में अपने गांव चले गए. उनके इस कदम से कई बातों को हवा मिली. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि CM पद का दावा छोड़ने के बाद शिंदे नई सरकार के गठन के फॉर्मूले को लेकर खुश नहीं हैं. हालांकि, शिवसेना नेता उदय सामंत का कहना है कि शिंदे कोई नाराजगी नहीं है, वो किसी काम से अपने गांव गए हैं. उनके शनिवार तक लौटने की उम्मीद है.
आइए जानते हैं महाराष्ट्र की सियासत में क्या चल रहा? आखिर विधानसभा चुनाव में टॉप करने के बाद भी BJP नए CM का नाम तय करने में इतना समय क्यों ले रही है? क्या अजित पवार और एकनाथ शिंदे वाकई नई सरकार के गठन को लेकर बनाए गए फॉर्मूले से सहमत नहीं हैं:-
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पहले जान लीजिए चुनाव का क्या था रिजल्ट?
महाराष्ट्र की 288 सीटों पर एक ही फेज में 20 नवंबर को वोटिंग हुई. 23 नवंबर 2024 को रिजल्ट आया. BJP 149 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उसने 132 सीटें जीतीं. महायुति के दूसरे दल शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने 57 और NCP(अजित पवार गुट) ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है. कुल मिलाकर BJP+शिंदे गुट+अजित पवार गुट के गठबंधन ने 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीती हैं. महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस+शरद पवार गुट+उद्धव ठाकरे गुट ने मिलाकर 46 सीटों पर जीत हासिल की. कांग्रेस के हाथ में 16 सीटें आईं. शरद पवार गुट को 10 और उद्धव ठाकरे गुट को 20 सीटें मिलीं.
इस चुनाव में BJP का स्ट्राइक रेट 88% रहा. वोट शेयर में भी इजाफा हुआ है. पार्टी का वोट शेयर 26.77% हो गया है. 2019 के चुनाव में उसका वोट शेयर 26.10% था. इस चुनाव में BJP को 27 सीटों का फायदा हुआ है. वहीं, कांग्रेस, उद्धव गुट और शरद गुट को अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा है.
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फिर एकनाथ शिंदे ने किया 'त्याग'
चुनाव में भारी जीत के बाद माना जा रहा था कि देवेंद्र फडणवीस ही CM बनेंगे. दूसरी तरफ, एकनाथ शिंदे के लिए भी जोर आजमाइश की जा रही थी. जबकि अजित पवार ने अपने पत्ते नहीं खोले थे. इसी बीच एकनाथ शिंदे ने 27 नवंबर को बड़ा त्याग कर दिया. उन्होंने महाराष्ट्र के CM पद का दावा छोड़ दिया. शिंदे ने कहा, "मैंने कभी भी अपने आप को मुख्यमंत्री नहीं समझा. मैंने हमेशा आम आदमी बनकर काम किया. राज्य को चलाने के लिए केंद्र सरकार का साथ जरूरी है. मुझे पद की लालसा नहीं है. हम लड़ने वाले लोग नहीं हैं. हम काम करने वाले लोग हैं. सरकार बनाने में हम अड़चन नहीं बनेंगे."
शिंदे ने कहा था, "मैंने PM और गृह मंत्री से भी कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है. कोई नाराज नहीं है. कोई गायब नहीं है. यहां कोई मतभेद नहीं है. एक स्पीड ब्रेकर था- महा विकास अघाड़ी. अब वो भी हटा दिया गया है. PM मोदी-अमित शाह का जो भी फैसला लेंगे, वो हमें स्वीकार है. BJP की बैठक में आपका कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है. हम सरकार बनाने में अड़चन नहीं हैं."
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28 नवंबर को अमित शाह के घर पर हुई महायुति की बैठक
इसके बाद बुधवार यानी 28 नवंबर को दिल्ली में अमित शाह के घर पर महायुति की बैठक हुई. बैठक की बातें तो सामने नहीं आईं. लेकिन सूत्रों के हवाले से कई दावेदार सामने जरूर आ गए. दादा भूसे और शंभू राज देसाई नाम ने चौंकाया. इन्हें डिप्टी CM का दावेदार बताया जा रहा था. इसके साथ ही नई सरकार के गठन के फॉर्मूले को लेकर भी अटकलें लगी.
शिंदे गुट को 12 विभाग दिए जाने की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट में संभावित राज्य कैबिनेट को लेकर भी अटकलें लगाई गईं. कहा गया कि BJP एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को राज्य में तीन बड़े विभागों समेत कुल 12 मंत्री पद दे सकती है. जबकि, महायुति गठबंधन में तीसरी पार्टी अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP को कैबिनेट में 9 सीटें मिल सकती हैं. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. ऐसी चर्चा है कि BJP 50% मंत्री पद अपने पास रखेगी.
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शुक्रवार को कैंसिल हुई मीटिंग अब कब होगी?
मुंबई में शुक्रवार को होने वाली महायुति की अहम बैठक टाल दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, अब ये बैठक 1 दिसंबर यानी रविवार को हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को BJP विधायक दल की मीटिंग भी रखी गई है. जिसमें 2 ऑब्जर्वर्स की मौजूदगी में CM का नाम तय हो जाएगा. इसके बाद एक बार फिर महायुति की बैठक होगी, जिसमें डिप्टी CM का नाम तय होगा. आखिर में नई सरकार के गठन को लेकर ऐलान कर दिया जाएगा.
क्या शिंदे डिप्टी CM बनना चाहेंगे?
इसकी संभावना बहुत कम लगती है. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने भी शुक्रवार को मीडिया के एक सवाल पर कहा कि अगर एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा. मुझे नहीं लगता कि वे डिप्टी CM का पद स्वीकार करेंगे.
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BJP CM का नाम तय करने में इतना समय क्यों ले रही?
माना जा रहा है कि CM चुनने में जातीय गणित को ख्याल रखा जाएगा. 288 सीटों की विधानसभा में मराठा समुदाय के विधायक बड़ी संख्या में हैं, जबकि देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण हैं. ऐसे में BJP सारे समीकरण मिलाकर देख लेना चाहती है. वैसे इन सबके बाद भी फडणवीस के CM बनने की संभावना ज्यादा है.
शिंदे ने अपनी बात कह दी, लेकिन अजित पवार का क्या?
महायुति में तीसरे साथी अजित पवार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बेशक CM की रेस से शिंदे ने अपने पैर पीछे खींच लिए हों, लेकिन अजित पवार ने ऐसा कुछ बयान नहीं दिया है. गुरुवार को अमित शाह के घर हुई बैठक में अजित पवार भी शामिल हुए थे. सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार भी फडणवीस के पक्ष में बताए जा रहे हैं. लेकिन उन्होंने अपनी भी लिस्ट दी है, जिसपर विचार किया जा रहा है.