गजब लगाया दिमाग! सरकार ने फ्लैट के किराए से टैक्स बचाने का शॉर्टकट कर दिया बंद

Income Tax: फिलहाल टैक्स पेयर्स किराए के मकान से होने वाली इनकम को बिजनेश या पेशे से होने वाली इनकम के रूप में दिखाकर टैक्स में कटौती कर लेते हैं, लेकिन बजट का नया नियम सख्त है.

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नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला आम बजट (Budget 2024) पेश किया. इसमें हर एक वर्ग के लिए कुछ न कुछ ऐलान किए गए. किराए पर मकान और फ्लैट देने वाले मकान मालिकों के लिए भी बजट में नया नियम आ गया है, जिस पर उनको खास ध्यान देने की जरूरत है. मकान किराए पर चढ़ाकर कमाई (Rental House Income) करने वाले लोगों के लिए बजट में जरूरी प्रावधान यह है कि अब घर या फ्लैट को किराए पर चढ़ाकर होने वाली इनकम को इकम टैक्स दाखिल (Income Tax Payers) करते समय हाउसिंग प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम के रूप में घोषित करना होगा. अब इसे बिजनेस इनकम के रूप में नहीं दिखाया जा सकेगा. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय इनकम टैक्स एक्ट में एक अहम संशोधन का जिक्र किया. जिसमें साफ किया गया कि आवासीय संपत्ति को किराए पर देने से होने वाली इनकम को बिजनेस या किसी पेशे से होने वाली इनकम की बजाय "गृह संपत्ति से इनकम " के तहत दिखाया जाना चाहिए. 

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अब गलत इनकम दिखाकर नहीं बचा पाएंगे टैक्स

वर्तमान में टैक्स पेयर्स किराए के मकान से होने वाली इनकम को कम दिखाने के लिए गलत तरीके से व्यवसाय या पेशे से मिलने वाले फायदे के रूप में दिखा देते हैं. वित्त मंत्री ने कहा था कि इसकी वजह से उनकी देनदारी कम हो रही है. इस प्रावधान में कुछ प्रॉपर्टी मालिकों को किराए की इनकम को बिजनेस से होने वाली इनकम के रूप में दिखाने की परमिशन है, जिससे रखरखाव लागत, मरम्मत और डेप्रिसिएशन जैसी कटौती का दावा किया जा सकता है. इस तरीके से इनकम को गलत तरीके से दिखाके टैक्सपेयर्स अपनी टैक्सेबल इनकम को काफी कम कर देते हैं. जिससे उनको कम टैक्स भरना पड़ता है. 

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Photo Credit: PTI

मकान से होने वाली कमाई अब बिजनेस इनकम नहीं

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया कि इस स्थिति को साफ करने के लिए केंद्र सरकार धारा 28 में संशोधन करेगी. जिसके बाद टैक्सपेयर किराए से होने वाली इनकम को बिजनेस इनकम के रूप में शो नहीं कर सकेंगे. बिजनेस या पेशा और गृह संपत्ति इनकम मद के तहत देय होगी. इस नए नियम से इस तरह के लोगों की टैक्स देनदारी बढ़ने की संभावना है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये संशोधन अगले वित्त वर्ष 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा. यह नया नियम इनकम टैक्स पेयर्स को गलत इनकम के नाम पर कम टैक्स भरने से रोकेगा. 

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