- मेघालय एसआईटी ने रतलाम से राजा और सोनम के गहने जब्त किए हैं.
- सोनम का लैपटॉप, नकदी और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए.
- प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स को गिरफ्तार किया गया है.
- एसआईटी को राजा रघुवंशी की हत्या से जुड़े सबूत मिले हैं.
मेघालय एसआईटी ने मध्य प्रदेश के रतलाम से राजा और सोनम के गहने बरामद कर लिए हैं. एसआईटी ने उसी स्थान से सोनम के लैपटॉप, नकदी और बाकी दस्तावेज भी जब्त किए. वहीं आरोपी प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स के साथ मेघालय रतलाम में जेम्स के ससुराल पहुंचा, जहां छापेमारी की गई. जेम्स ने गहने, लैपटॉप, नकदी और अन्य दस्तावेज रतलाम में अपने ससुराल पहुंचा दिए. एसआईटी ने यह जब्ती रतलाम के अलकापुरी पुलिस थाने के अधिकारियों और कर्मियों की सहायता से की.
प्रॉपर्टी डीलर के यहां छापेमारी
मेघालय पुलिस की एसआईटी को जो गहने मिले हैं, उनमें राजा रघुवंशी की गुम हुई सोने की चेन समेत कई अहम सबूत बरामद किए गए हैं. राजा की पिछले महीने सोहरा में हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स के मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान यह बरामदगी की गई. एसआईटी को सोनम के भी गहने मिले हैं. ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विवेक सेयम ने कहा कि जब्त की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और डॉक्यूमेंट साक्ष्य के तौर पर महत्वपूर्ण हैं. उनका कहना था कि इनकी मदद से 23 मई की हत्या के मामले में और भी तथ्य सामने आ सकते हैं.
कैसे हुआ साजिश का भंडाफोड़
सेयम ने बताया कि उपनिरीक्षक एंथनी खोंगसिट और करण पचुआ ने एसआईटी टीम का नेतृत्व किया. एक को-ऑर्डिनेटेड अभियान के दौरान अलकापुरी पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने उनका सहयोग किया. एसआईटी ने राजा रघुवंशी की हत्या के पीछे रची गई साजिश का भंडाफोड़ किया. राजा और सोनम के लापता होने के 10 दिन बाद राजा का शव दो जून को वेइसाडोंग फॉल्स के पास बरामद किया गया था. जांच अधिकारियों के अनुसार, राजा-सोनम ने 22 मई को शहर के कीटिंग रोड से एक स्कूटर किराए पर लिया था और सोहरा की यात्रा की थी. पूर्व बुकिंग न होने के कारण होमस्टे में कमरा पाने में असफल होने के बाद, उन्होंने अपना सामान वहीं छोड़ दिया और मावलखियात से 3,000 सीढ़ियां नीचे उतरकर नोंग्रियात पहुंचे, जहां उन्होंने रात बिताई.
23 मई को हुई राजा की हत्या
अगली सुबह दोनों करीब 5:30 बजे होटल से निकले और मावलखियात की ओर चढाई शुरू की. यहीं पर उन्होंने अपना किराए का स्कूटर पार्क किया. राजा को पता नहीं था कि इंदौर के तीन और व्यक्ति उसका पीछा कर रहे थे. इन तीनों को सोनम जानती थी और बाद में उनकी पहचान हत्यारों के रूप में हुई. 23 मई को दिन में 11 बजे तक, समूह वेइसाडोंग फॉल्स के पास एक सुनसान इलाके में पहुंच गया था, जहां राजा पर धारदार हथियारों से बेरहमी से हमला किया गया और उसके शव को पास की एक घाटी में फेंक दिया गया. सोनम के साथ तीनों हमलावर कुछ ही मिनटों बाद घटनास्थल से भाग गए, जिसकी सेयम ने पुष्टि की.
प्लानिंग से हुआ मर्डर
सेयम ने बताया, 'यह कोई अचानक किया गया कृत्य नहीं था. हमला काफी सोच-समझकर किया गया था. शुरू में ऐसा लगा कि सोनम और उसके प्रेमी ने भाड़े के हत्यारे बुलाए थे. लेकिन अब हम पुष्टि करते हैं कि तीनों लोग राज के करीबी दोस्त थे और उन्होंने सोनम की मदद के लिए उसकी हत्या की.' एसआईटी ने पुष्टि की है कि हत्यारों ने 21 मई को शिलांग पहुंचने से पहले गुवाहाटी में हत्या के लिए हथियार खरीदा था. इसमें शामिल सभी लोग लगभग एक ही समय पर पहुंचे थे, और उसके तुरंत बाद सोहरा पहुंचे. सोनम वारदात स्थल से टैक्सी से भाग गई थी. उसे नौ जून को उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार कर लिया गया. उसका मंगलसूत्र और अंगूठी सोहरा होमस्टे में पाई गई जिससे उसकी संलिप्तता और भी स्पष्ट हो गई.