केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खातों 'को फ्रीज' नहीं किया है. मंत्रालय ने इसके साथ ही यह भी दावा किया कि कोलकाता स्थित इस संस्थान ने खुद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर अपने अकाउंट को सस्पेंड करने का आग्रह किया था. गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (FCRA) पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आवेदन को पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण 25 दिसंबर को खारिज कर दिया गया.
गृह मंत्रालय के इस बयान से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था के सभी बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है. पश्चिम बंगाल की सीएम ने ट्वीट किया था, ‘‘क्रिसमस पर यह बात सुनकर स्तब्ध हूं कि केंद्र सरकार ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों से लेन-देन को रोक दिया है. उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाएं नहीं मिल पा रहीं.'' ममता ने कहा, ‘‘कानून सर्वोपरि है, लेकिन मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं होना चाहिए.''
गृह मंत्रालय बयान के अनुसार, ‘‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी से नवीनीकरण आवेदन को खारिज करने के फैसले की समीक्षा के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है.''FCRAके तहत मिशनरीज ऑफ चैरिटी का पंजीकरण 31 अक्टूबर, 2021 तक वैध था. गृह मंत्रालय ने कहा कि वैधता को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ाया गया था.बयान में कहा गया, ‘‘हालांकि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के नवीनीकरण आवेदन पर विचार करते हुए कुछ प्रतिकूल जानकारियां देखी गयीं। इन्हें देखते हुए आवेदन को खारिज कर दिया गया।''उसने कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण 31 दिसंबर, 2021 तक वैध था और मंत्रालय ने उसके किसी बैंक खाते पर रोक नहीं लगाई है. गौरतलब है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी एक कैथोलिक धार्मिक संस्था ,है जिसकी स्थापना मदर टेरेसा ने 1950 में की थी.(भाषा से भी इनपुट)