होरी खेले मसाने में! काशी के महाश्मशान में नागाओं की होली, बेहद रोचक है इसकी कथा; तस्वीरों में देखें

धार्मिक मान्यता के अनुसार बाबा विश्वनाथ मां गौरी को रंगभरी एकादशी को गौना कर विदा कर विश्वनाथ धाम ले आये तो भक्तों और काशीवासियों ने होली मनाई थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
बनारस:

होली का त्योहार शुक्रवार को है, लेकिन बाबा विश्वनाथ की प्राचीन नगरी काशी में अभी से होली की धूम है. होली भी ऐसी जो शायद कहीं और ना होती हो. ये होली है श्मशान की होली.

आज वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर उस जगह होली मनाई गई जहां शवों का दाह संस्कार होता है.

कल मणिकर्णिका घाट पर भी श्मशान की होली खेली जाएगी.

धार्मिक मान्यता के अनुसार बाबा विश्वनाथ मां गौरी को रंगभरी एकादशी को गौना कर विदा कर विश्वनाथ धाम ले आये तो भक्तों और काशीवासियों ने होली मनाई थी.

कहते हैं शिव सबके हैं. ऐसे में अघोरी नागा संन्यासी, औघड़ और आमजनों ने मिलकर शिव भक्ति में शिव की प्यारी नगरी काशी में मसान (श्मशान) की होली खेली.

ये एक प्राचीन परंपरा है और आज भी इस परम्परा का निर्वहन हो रहा है. 

काशी में मृत्यु भी एक उत्सव है. होली की तस्वीरों से ये दिख भी रहा है. यहां हरिश्चंद्र महाश्मशान घाट पर अघोरी शरीर पर भस्म लपेटे, चिता भस्म और ग़ुलाल से होली खेलते हैं.

वहीं नागा संन्यासी डमरू के डम-डम पर नाचते हैं. वहीं उनके भक्त शिव रूप में सजे नागा संन्यासियों का साथ देते हैं.

हर-हर महादेव के जयघोष के बीच श्मशान की होली मनाई जाती है.

Featured Video Of The Day
IND vs AUS Semi Final Match Breaking News: World Cup Final में पहुंची भारतीय Women's Cricket Team