HIV का इलाज अब सस्ते में, महज 3,500 रुपये में मिलेगी साल भर की दवा, 99.9% कारगर

Unitaid और गेट्स फाउंडेशन ने ऐलान किया है कि साल 2027 से HIV की जेनेरिक दवा 40 डॉलर (करीब 3,500 रुपये) सालाना कीमत पर 100 से अधिक देशों में उपलब्ध कराई जाएगी.ो

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • HIV की जेनरिक दवा lenacapavir 2027 से 100 देशों में 40 डॉलर (करीब 3,500 रुपये) में मिलेगी
  • इस दवा का इंजेक्शन साल में दो बार लेना होगा. यह HIV संक्रमण को 99.9% तक कम करने में प्रभावी साबित हुई है
  • यूनिटेड और गेट्स फाउंडेशन ने ये दवा बनाने के लिए डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज और हेटेरो से समझौता किया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

एचआईवी से बचाव की सस्ती दवा जल्द ही 100 से ज़्यादा देशों में काफी सस्ती कीमत पर उपलब्ध होगी. यूनिटेड (Unitaid) और गेट्स फाउंडेशन ने बुधवार को ऐलान किया कि 2027 से यह जेनेरिक दवा 40 डॉलर (करीब 3,500 रुपये) सालाना कीमत पर 100 से अधिक देशों में उपलब्ध कराई जाएगी. इनमें से अधिकतर कम और मध्यम आय वाले देश होंगे.

साल में लगेंगे दो इंजेक्शन

इंजेक्शन के जरिए दी जाने वाली लेनाकापाविर (lenacapavir) नाम की यह दवा साल में दो बार लेनी होगी. यह एचआईवी संक्रमण को 99.9 प्रतिशत तक कम करने में प्रभावी साबित हुई है. अमेरिका में इसी दवा का ब्रांडेड वर्जन येज़्टुगो (Yeztugo) नाम से बेचा जाता है, जिसकी कीमत करीब 28 हजार डॉलर (लगभग 25 लाख रुपये) है.

भारतीय कंपनियां बनाएंगी दवा

गरीब और मध्यम आय वाले देशों के लिए इस दवा को सस्ता बनाने के लिए यूनिटेड और गेट्स फाउंडेशन ने भारतीय दवा कंपनियों के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं. यूनिटेड ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर 120 देशों में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 40 डॉलर (लगभग 3,548 रुपये) की कीमत पर यह दवा उपलब्ध कराने के लिए पार्टनरशिप की है. इसके अलावा क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव और Wits RHI से भी ऐसा ही समझौता किया है. गेट्स फाउंडेशन ने भी इसी तरह की साझेदारी भारतीय फार्मा कंपनी हेटेरो (Hetero) के साथ की है.

6 जेनेरिक दवा कंपनियों से समझौता 

कैलिफोर्निया की कंपनी गिलियड ने पिछले साल अक्टूबर में छह जेनेरिक दवा कंपनियों से समझौता किया था. इसके तहत तहत उसने दुनिया की पहली लंबे समय तक असर करने वाली एंटी एचआईवी दवा (जिसे प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस या PrEP कहा जाता है) को गरीब देशों में बनाने और बेचने की अनुमति देने की बात कही थी. 

अफ्रीकी देशों में जल्द मिलेगी दवा

यूनिटेड की स्ट्रेटेजिक लीड कारमेन पेरेज़ कासा ने कहा कि यह दवा शुरुआत में भारत में बनाई जाएगी. आगे हम इसे क्षेत्रीय स्तर पर बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. इन जेनेरिक दवाओं के उपलब्ध होने तक अमेरिकी कंपनी Gilead  ने कुछ अफ्रीकी देशों में किफायती दरों पर यह दवा उपलब्ध कराने के लिए 'ग्लोबल फंड' के साथ पहले ही एक समझौता किया है. 

HIV के नए केसों में कमी 

कई देशों के संयुक्त प्रयासों से 2010 से लेकर अब तक एचआईवी के नए मामलों में 40% तक की कमी आई है. हालांकि UNAIDS के मुताबिक, 2024 में 13 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित हुए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ती और प्रभावी दवाओं से एचआईवी केसों की संख्या को और भी कम किया जा सकता है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Syed Suhail | Bihar Election 2025: Tejashwi Vs Owaisi में टकराव, Muslim Voters गुस्से में? | Polls
Topics mentioned in this article