लाहौल-स्पीति में ढहा पुल... मलाणा में फंसे पर्यटक... हिमाचल में अभी नहीं थमेगा बारिश का कहर, जानें IMD का अपडेट

हिमाचल प्रदेश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव धुनी चंद राणा ने बताया पानी के तेज बहाव की वजह से ब्यास नदी के नजदीक एक गांव में नौ लोग फंस गए थे, जिन्हें बाद में एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू किया.

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हिमाचल में अब भी 49 लोग लापता, एनडीआरएफ की मदद से चलाया जा रहा है सर्च ऑपरेशन.
शिमला:

हिमाचल प्रदेश में गुरुवार देर रात शुरू हुई तेज बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. राज्य में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. लाहौल स्पीति में भागा नदी का जलस्तर बढ़ने से पयूकर गांव का पुराना पुल ढह गया है, पानी के बहाव से भूमि कटाव हो रहा है, गांव को भी खतरा बना हुआ है. गांव के लोग  प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.  दूसरी और जिला मंडी, जिला कुल्लू और जिला शिमला के रामपुर में बादल फटाने से 50 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए थे. रिपोर्टर वीडी शर्मा के अनुसार इन तीन घटनाओं में 49 लोग लापता हैं. इसमें 6 की मृत्यु हुई है और एक घायल है. 

हिमाचल प्रदेश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव धुनी चंद राणा ने बताया पानी के तेज बहाव की वजह से ब्यास नदी के नजदीक एक गांव में नौ लोग फंस गए थे, जिन्हें बाद में एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू किया. हिमाचल में आई आपदा में 65 घरों को नुकसान हुआ बै. जबकि 23 जानवरों की भी जान चली गई. रामपुर में एनडीआरएफ के 70 जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इसके आईटीबीपी और एसडीआरएफ जवान भी ऑपरेशन में जुटे हुए हैं.

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राष्ट्रीय राजधानी में संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बादल फटने की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया था और कहा था कि दुर्गम इलाकों में लोगों का जीवन कठिन है और हर साल ऐसी आपदाएं उनके दर्द को बढ़ा रहीं हैं.

मलाणा में फंसे लोग

विशेष सचिव धुनी चंद ने बताया कि मलाणा में भी 20 से 25 लोगों के फंसे होने की जानकारी है. इनमें कुछ पर्यटक भी शामिल  हैं. हालांकि यह अभी पूरी तरीके से सुरक्षित और उनके पास खाने-पीने की सामग्री भी उपलब्ध है. शनिवार को इन्हें भी सुरक्षित निकाल दिया जाएगा.

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मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के दस जिलों में छह अगस्त तक भारी बारिश, गरज और चमक के साथ बारिश का शुक्रवार को ‘येलो' अलर्ट जारी किया. विभाग ने साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की आशंका, तेज हवाओं के कारण बागानों और खड़ी फसलों तथा मकानों को नुकसान पहुंचने और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका के बारे में भी आगाह किया है. 

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