आधी रात घर छोड़ भागे मंत्री, विधायक और कर्मचारी... शिमला में भारी बारिश से लैंडस्‍लाइड से तबाही!

सरकारी आवास में वहां जो कर्मचारी अपने परिवारों के साथ रात को छोड़कर घर से निकल आए थे, उनका कहना है कि रात 10:30 बजे और 11 बजे यहां पर भारी लैंडस्लाइड हुई. कई पेड़ गिरने के बाद धमाके जैसी आवाजें आईं और लोग सहम गए.

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  • हिमाचल प्रदेश के शिमला में आधी रात भारी बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं से लोगों की जान जोखिम में आ गई.
  • रामचंद्रा चौक की सरकारी कॉलोनी में लैंडस्लाइड के कारण मलबा और बड़े पेड़ सरकारी भवनों पर गिर गए.
  • मंत्री राजेश धर्माणी और तीन अन्य विधायक समेत लगभग 50 परिवारों को अपना आवास छोड़ भागना पड़ा.
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शिमला:

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का कहर लगातार जारी है. बादल फटने, भारी बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं से लोगों की जान सांसत में है. राजधानी शिमला के रामचंद्रा चौक पर भारी लैंडस्‍लाइड के चलते बड़े-बड़े पेड़ और मलबा सरकारी बिल्डिंगस पर गिरे. इन सरकारी बिल्डिंग्‍स में मंत्री, विधायक और सरकारी कर्मी रहते हैं, जिन्‍हें सोमवार की देर रात घर छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा. मौके पर पहुंची पुलिस ने कई लोगों को रेस्‍कयू कर सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया. 

मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक समेत कई प्रभावित 

शिमला के रामचन्द्रा में सरकारी कॉलोनी में भयानक लैंडस्‍लाइड हुआ. लैंडस्‍लाइड के चलते बड़े-बड़े विशालकाय पेड़ गिर गए. इस सरकारी कलोनी में मंत्री और विधायकों के आवास हैं. जैसे ही रात को भयानक लैंडस्लाइड हुई और पेड़ गिरने लगे, मंत्री और विधायक समेत 40 से 50 परिवारों को सरकारी आवास छोड़कर निकलना पड़ गया. 

लैंडस्‍लाइड से प्रभावित होने वालों में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी, तीन अन्‍य विधायक समेत 50 परिवार शामिल थे. पुलिस ने कई परिवारों को वहां से रेस्क्यू कर आधी रात को सुरक्षित स्थानों होटलों और रिश्तेदारों के घर भेजा. 

पेड़ गिरे और जोरदार आवाजों ने डराया 

सरकारी आवास में वहां जो कर्मचारी अपने परिवारों के साथ रात को छोड़कर घर से निकल आए थे, उनका कहना है कि रात 10:30 बजे और 11 बजे यहां पर भारी लैंडस्लाइड हुई. कई पेड़ गिरने के बाद धमाके जैसी आवाजें आईं और लोग सहम गए. करीब 50 परिवारों को घर छोड़कर भागना पड़ा क्योंकि यहां रहना खतरनाक था.

उन्‍होंने कहा, 'लगातार लैंडस्लाइड हो रहा था, इसलिए कुछ परिवार होटल में शिफ्ट हुए, जबकि कुछ परिवार अपना सारा सामान छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर निकल गए.'

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