दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बलात्कार के एक मामले में दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली पीड़िता की याचिका पर बुधवार को लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के सांसद प्रिंस राज (MP Prince Raj) से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने बलात्कार मामले की शिकायतकर्ता की याचिका पर राज को नोटिस जारी किया और मामले को 17 फरवरी 2022 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. शिकायतकर्ता महिला ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राज को अग्रिम जमानत देने के निचली अदालत के 25 सितंबर के उस आदेश को चुनौती दी. जिसमें कहा गया था कि राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में असामान्य देरी हुई.
दुष्कर्म मामले में दिल्ली की अदालत ने LJP सांसद की अग्रिम जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा
दिवंगत रामविलास पासवान के भतीजे और चिराग पासवान के चचेरे भाई प्रिंस राज बिहार के समस्तीपुर से सांसद हैं. निचली अदालत में राज की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और वकील नितेश राणा ने दलील दी थी कि यह ''हनी ट्रैप'' और रंगदारी का मामला है और राजनेता को एक फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है.
निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि शिकायतकर्ता और उसका मित्र वर्ष 2020 से राज को धमकी देकर पैसे की उगाही कर रहे थे. अदालत ने पाया था कि महिला ने कथित घटना के 16-17 महीने बाद प्राथमिकी दर्ज कराई.
दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर 9 सितंबर को प्रिंस राज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. लोजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाली महिला ने राज पर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया है.
लोकसभा सांसद प्रिंस राज के खिलाफ महिला की शिकायत पर दिल्ली में एफआईआर