- बूंदी जिले में पिछले 24 घंटे में 520 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई, जिससे नदी नाले उफान पर आ गए हैं
- हिंडोली के रैन गांव में नाला पार करते समय एक महिला पानी के तेज बहाव में बह गई और उसकी मौत हो गई है
- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए
राजस्थान के बूंदी जिले में भारी बरसात का दौर जारी है. पिछले 24 घंटों में 520 एमएम से अधिक बरसात दर्ज की जा चुकी है. सबसे ज्यादा नैनवा इलाके में 20 इंच बरसात दर्ज हुई है. उसके बाद कापरेन इलाके में भी बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है. लगातार बारिश के चलते जिले के नदी नाले उफान पर हैं और कई जगहों पर पुलियां क्षतिग्रस्त और टूट गई है. जिसके चलते आवागमाम पूरी तरह से बाधित हो गया है. प्रशासन ने बैरिकेट्स लगाकर रास्तों को बंद कर दिया है. वहीं हिंडोली इलाके के रैन गांव में नाला पार कर रही एक महिला पानी के सैलाब में बह गई और उसकी मौत हो गई. लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने भी केशोरायपाटन और कापरेन पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पहले हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे लेकिन लगातार बरसात होने के चलते हवाई सर्वेक्षण का कार्यक्रम रद्द हो गया और वह सड़क मार्ग से केशोरायपाटन पहुंचे. उन्होंने क्षेत्रों का दौरा किया. इसके बाद बिरला ने अधिकारियों के साथ अनरेटा, अडीला, कापरेन के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की. सेना और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेते हुए राहत कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए. लोकसभा अध्यक्ष ने जिला प्रशासन को लोगों को प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने और प्रत्येक प्रभावित परिवार को भोजन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाने को कहा है. बेघर हुए लोगों के लिए अस्थाई आवास व्यवस्था भी प्रमुखता से करने के निर्देश दिए. इस दौरान बिरला ने कहा कि प्रभावित नागरिकों की हर संभव सहायता करना हमारी प्राथमिकता है और संकट की इस घड़ी में प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर हर परिवार के साथ खड़े हैं.
कई पुलिया टूटी
इंद्रगढ़ के पास लालसोट-कोटा मेगा हाइवे की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है. पुलिया का एक साइड का हिस्सा धंस जाने से चंद्रगंज गांव के पास आवागमन बाधित हो गया है. वहीं बबाई गांव में भी मेगा हाईवे की पुलिया और सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. सड़क पर बड़े-बड़े डामर के पत्थर बाहर निकाल कर आ गए. जिससे टोंक जिले से संपर्क टूट गया है. तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस प्रकार से पुलिया टूटी हुई है और बड़े-बड़े पत्थर जहां सड़क थी वहां बिखरे पड़े हुए हैं और ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा है. इस जगह पर बड़ा सैलाब आया था और पुलिया बहा कर ले गया. वहीं कोटा-लालसोट मेगा हाईवे पर मेज नदी की पुलिया डूबने से यातायात बंद है. बूंदी-लाखेरी मार्ग पर खटकड़ पुलिया भी जलमग्न हो गई है. नैनवां में कई गांवों की स्थिति गंभीर है.
जिले में भारी बारिश का कहर, 162 पोल और 21 ट्रांसफार्मर धराशायी, कई इलाकों में बिजली गुल
बूंदी जिले में गुरुवार मध्य रात्रि से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण विद्युत अवसंरचना को व्यापक नुकसान पहुंचा है. बारिश के कारण 162 बिजली के पोल टूट गए हैं और घरेलू व कृषि उपयोग के 21 ट्रांसफार्मर धराशायी हो गए हैं, जिसके चलते कई ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई हैं. जयपुर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 21 अगस्त की मध्य रात्रि से जारी भारी बारिश के कारण जिले की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है. इस आपदा में घरेलू बिजली आपूर्ति के लिए लगाए गए 14 ट्रांसफार्मर और कृषि कनेक्शनों के 7 ट्रांसफार्मर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.
कई जीएसएस की 33 केवी लाइन पानी में डूबी
उन्होंने बताया कि बारिश और जलभराव के कारण कई सब डिविजनों में स्थिति गंभीर बनी हुई है. केशवरायपाटन सब डिविजन के अंतर्गत आने वाले कापरेन ग्रामीण एवं अरनेठा जीएसएस से जुड़े ग्रामीण फीडरों की सप्लाई बाधित है. इसी प्रकार लाखेरी के ग्रामीण क्षेत्र, जिनमें घाट का बराना, झाली जी का बराना और नोताडा शामिल हैं, में भी बिजली गुल है. इंद्रगढ़ सब डिविजन में दौलतपुरा जीएसएस एवं गुडा फीडर की 33 केवी लाइन पानी में डूबी होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से इन जीएसएस से जुड़ी विद्युत लाइनों को बंद कर दिया गया है. जैसे ही पानी का स्तर कम होगा, नियमानुसार लाइनों की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू कर विद्युत सप्लाई सुचारू करवा दी जाएगी.
चाकन डेम के टावर भी गिरे
अधीक्षण अभियंता ने बताया कि चाकन डेम पर भी बारिश का भारी असर पड़ा है, जहां पानी के तेज बहाव के कारण 3 टावर गिर गए हैं. इस वजह से चाकन डेम की विद्युत सप्लाई भी बाधित हो गई है, जिसे ठीक करने का कार्य जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों के अतिरिक्त बूंदी जिले के अन्य समस्त गांवों की विद्युत सप्लाई सुचारू है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही हैं. प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है और आश्वासन दिया गया है कि जलस्तर घटते ही मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर किया जाएगा.