आंध्र प्रदेश में आसमान से मानो इस समय आफत बरस रही है. राज्य के अनंतपुर इलाके में उत्तर-पूर्वी मॉनसून ने कहर बरपाया है. तिरुपति के तिरूमला हिल्स में कुछ ही घंटों में 12 से 14 सेमी बारिश हुई. जिसके कारण जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया. इसके कारण हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा. इसे एक तरह क्लाइमेट चेंज का असर ही माना जा रहा है. नौबत यहां तक आ पहुंची कि आमतौर पर सूखा माना जाने वाला तिरुमला हिल्स इलाका कुछ ही घंटों में पानी सेभर गया. तिरुपति मंदिर की ओर से जाने वाले घाट रोड पर कई लोग फंस गए. वे जैसे तैसे लोग जान बचा पाए. आसमान से बरसी इस आफत के चलते लोग जो सामान बचा पाए, वही उनके पास रह गया. मुश्किल के इस समय में लोग एक-दूसरे को बचाने की कोशिश करते हुए नजर आए. ऐसे ही सामूहिक प्रयासों से पानी में फंसी बस में मौजूद बच्चों को बचाया गया.
अधिकारियों का कहना है कि 12 से 14 सेमी की बारिश तिरुपति के लिए झेलना मुश्किल हो गया क्योंकि पहले भी बारिश हो गई थी और मिटटी नम हो गई थी.कई जगह लोगों को बचाने के लिए सेना, वायुसना की मदद लेनी पड़ी. भारी बाारिश से सभी जलाशय भर गए है और हर जगह जल सैलाब नजर आ रहा है. खतरा अभी टला नहीं है अभी भी हजारों लोग घर नहीं पहुच पाए. चिंता की बात यह भी है कि आने वाले दिनों में और बारिश का अनुमान है. अनंतपुर जिले में बाढ़ में फंसने के कारण जेसीबी पर चढ़े लोगों को बचाने के लिए हेलीकाप्टर बुलाना गया, खास बात यह है कि यह इलाका आमतौर पर सूखा ग्रस्त है. बारिश इतनी खतरनाक आखिर कैसे हो गई, इसका कारण बताते हुए अधिकारी कहते हैं बारिश काफी हुई, इसके अलावा नालों के ऊपर निर्माण होने के कारण पानी की निकासी होने में भी वक्त लगा.
गौरतलब है कि पेन्ना रिवर कैचमेंट एरिया में पिछले दिनों हुई अभूतपूर्व बारिश के चलते आंध्र प्रदेश 140 साल की सबसे भीषण 'बाढ़' का सामना कर रहा है. पिछले कुछ दिनों में अन्माय्या इरिगेशन सिस्टम से पेन्ना नदी में 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. नेल्लोर में बाढ़ की स्थिति पर निगाह जमाए, स्पेशल ऑफिसर बी राजसेकर ने बताया कि नेल्लोर बैराज से रिकॉर्ड 5.49 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है, जिसके कारण हर कहीं पानी ही पानी नजर आ रहा है. सेंट्रल वाटर कमीशन ने आंध्र के अधिकारियों को बताया कि इस तरह का बहाव 140 साल के बाद देखा गया है. पिछली बार इस तरह का बहाव वर्ष 1882 में नजर आया था. हालत यह है कि इस जल बहाव ने नेशनल हाईवे 16 को तोड़ दिया है, इस कारण कोव्वुरू के पास चेन्नई का कोलकाता से संपर्क टूट गया है.