बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान, यूपी के कई जगहों पर गेहूं की 75 फीसदी फसल बर्बाद

बारिश के कारण मोदीनगर और आसपास के इलाकों में गेहूं की फसल के साथ-साथ सरसों और कई महत्वपूर्ण सब्जियों की फसल भी बर्बाद हुई है.

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नई दिल्ली:

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से दिल्ली से सटे मोदीनगर और अन्य हिस्सों में गेहूं और अन्य फसलों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि अगले 20 दिन में गेहूं की फसल तैयार होने वाली थी लेकिन अब 3/4 गेहूं की फसल गिर चुकी है. एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से मेरी 75 फ़ीसदी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है.फसल गिरने से हम इसका भूसा के लिए भी इस्तेमाल अब नहीं कर सकेंगे. 

गौरतलब है कि मोदीनगर और आसपास के इलाकों में गेहूं की फसल के साथ-साथ सरसों और कई महत्वपूर्ण सब्जियों की फसल भी बर्बाद हुई है. हमने जिला अधिकारी और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर मुआवजे की मांग की है.  किसानों को इस इलाके में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.  सरकार को प्रभावित किसानों के लिए 15 से ₹20000 प्रति एकड़ के हिसाब से राहत पैकेज का ऐलान करना चाहिए. 

नुकसान सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों तक सीमित नहीं है. उत्तरी और केंद्रीय भारत के कई राज्यों में सैकड़ों किसानों की फसल बेमौसम बरसात और ओला गिरने से ख़राब हुई है. सीपीआई के राज्य सभा सांसद बिनोय विस्वम ने प्रधान मंत्री को चिट्ठी लिखकर प्रभावित किसानों के लिए प्रति एकड़ 15000 रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.

फरवरी महीने में औसत से अधिक तापमान का गेहूं व दूसरी फसलों पर पड़ने वाले असर को लेकर किसान आशंकित थे. अब मार्च महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने उनका संकट और बढ़ा दिया है. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार कितनी जल्दी प्रभावित किसानों के लिए राहत का ऐलान करती है.

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