कुतुब मीनार परिसर में मूर्तियां पुन:स्थापित करने वाली याचिका पर आज होने वाली सुनवाई टली

साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार परिसर में हिंदू एवं जैन देवी-देवताओं की मूर्तियां पुन:स्थापित करने और वहां पूजा करने देने का अधिकार प्रदान करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर केंद्र तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जवाब मांगा था. 

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याचिका के अनुसार मुहम्मद गोरी के सिपाहसलार ने मंदिरों को आंशिक रूप से तोड़कर मस्जिद बनाई थी.
नई दिल्ली:

दिल्ली के कुतुबमीनार परिसर में मौजूद कुव्वुतुल इस्लाम मस्जिद में हिंदू देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने को लेकर साकेत कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसपर आज साकेत कोर्ट में  सुनवाई की जानी थी. हालांकि याचिका पर आज सुनवाई टल गई है और अब इस मामले की सुनवाई 24 मई को की जाएगी. जानकारी के अनुसार केस से जुड़े वकील विष्णु शंकर जैन इस समय दिल्ली में नहीं हैं. वकील के दिल्ली में न होने के चलते सुनवाई 24 मई को रखी गई है.

दरअसल साकेत अदालत ने कुतुब मीनार परिसर में हिंदू एवं जैन देवी-देवताओं की मूर्तियां पुन:स्थापित करने और वहां पूजा करने देने का अधिकार प्रदान करने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर केंद्र तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से जवाब मांगा था. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पूजा तलवार ने संबंधित अधिकारियों को 11 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था और 11 मई को ही मामले की सुनवाई की जानी थी.

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याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया था कि अदालत ने केंद्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय के जरिए एएसआई के महानिदेशक, दिल्ली क्षेत्र के अधीक्षक पुरातत्व को नोटिस जारी किया है. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2021 में एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दीवानी मुकदमे को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी, जिसपर ये नोटिस जारी किये गये हैं.

न्यायाधीश ने जैन की ओर से दायर अपील को स्वीकार करते हुए ये आदेश जारी किया था. अपील में दावा किया गया है कि मुहम्मद गोरी के सिपाहसलार (जनरल) कुतुबुद्दीन एबक ने 27 मंदिरों को आंशिक रूप से तोड़ दिया था और इस सामग्री से परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाई थी. (भाषा इनुपट के साथ)

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