यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट संवैधानिक या असंवैधानिक? सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई

मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाते दी थी जिसके चलते मदरसा एक्ट के तहत मदरसो में पढ़ाई अभी चल रही है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में चल रहे 16000 से अधिक मदरसों के 17 लाख से ज्यादा छात्रों को राहत बरकरार रहेगी. सुप्रीम कोर्ट में यूपी के मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर निर्णायक सुनवाई अगले हफ्ते में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को कहा कि अगली सुनवाई मे इस मामले पर हम फाइनल हियरिंग करेंगे.

कब आया था कानून

मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते ये क़ानून राज्य सरकार ने पास किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसमें संविधान के कई प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए इसे रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. एक मदरसे के मैनेजर अंजुम कादरी और बाकी की ओर से दायर इस याचिका में हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे मनमाना बताया गया है. हालांकि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाते दी थी जिसके चलते मदरसा एक्ट के तहत मदरसो में पढ़ाई अभी चल रही है.

मदरसा एक्ट की संवैधानिकता पर विचार

अब सुप्रीम कोर्ट को मदरसा एक्ट की संवैधानिकता पर विचार करना है. फिलहाल 2004 के कानून के तहत ही राज्य भर में मदरसों की पढ़ाई चलती रहेगी. इस ऐक्ट को असंवैधानिक करार देने वाले फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय प्रथम दृष्टया सही नहीं है. ये कहना सही नहीं कि ये धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन है. खुद यूपी सरकार ने भी हाईकोर्ट में ऐक्ट का बचाव किया था. हाईकोर्ट ने 2004 के ऐक्ट को असंवैधानिक करार दिया था.

Featured Video Of The Day
Champions Trophy 2025 Update: भारत किस देश में खेलेगा चैंपियंस ट्रॉफी, PCB ने लिया फैसला
Topics mentioned in this article