Delhi NCR Pollution: दिल्ली- NCR में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर गहरी नाराज़गी जताई है और कहा है कि तीन साल से CAQM अपने ही फैसलों को लागू क्यों नहीं करा रहा है. जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है. सिर्फ मीटिंग और चर्चा के अलावा कुछ नहीं हो रहा. हमें केंद्र और राज्यों के बीच राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.
पराली जलाने और उल्लंघन करने वालों पर मामूली जुर्माना क्यों है? ऐसे लोगों पर दंड प्रावधान क्यों नहीं है? कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही केंद्र से बताने के लिए कहा है कि आयोग में एनजीओ के पद क्यों खाली हैं. हम इस क्षेत्र के विशेषज्ञ लोगों को नियुक्त करने का फैसला कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से अपने आदेश लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 14 अक्तूबर को होगी.
दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार से इस मामले पर उठाए गए कदमों पर हलफनामा मांगा.
- 14 अक्टूबर को अगली सुनवाई.
- कोर्ट ने कहा कि ना हरियाणा और न ही पंजाब ने निर्देशों का पालन करने के लिए कोई प्रयास किया है.
- कोर्ट ने CAQM के कार्यशैली पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि उसने आदेशों के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया. यहां तक कि सुरक्षा और आदेशों को लागू करने वाली उपसमिति ने जून 2021 के आदेशों के कार्यान्वयन पर चर्चा तक नहीं की है.
- कोर्ट ने कहा कि सितंबर के आखिरी 15 दिनों में भी पंजाब में पराली जलाने के 129 मामले सामने आए हैं, जबकि इसी दौरान हरियाणा में 81 मामले सामने आ चुके.
- कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के कुछ जिलों में 2022 की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं. हालांकि, राज्यों ने पराली जलाने वालों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है.
- नियम तोड़ने वालों पर मुकदमा चलाने के लिए सीएक्यूएम के विशिष्ट निर्देशों की अनदेखी की जा रही है. मशीनें उपलब्ध होने के बावजूद उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है.
- आयोग में नियुक्त विशेषज्ञ सदस्यों की क्षमता पर आपत्ति जताई गई है. समिति की एक बैठक में 11 में से केवल 5 सदस्य उपस्थित थे. समिति ने भी बैठक में भाग नहीं लिया कि जून 2021 के आदेशों के कार्यान्वयन पर चर्चा करें.
दिल्ली- एनसीआर में पराली से बढ़ रहा प्रदूषण
- CAQM (एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दावा है कि नीतियों को लागू करने के बाद 2021-23 के बीच पंजाब में पराली जलाने में 48.6% और हरियाणा में 67% की कमी आई है.
- मार्च 2024 तक हरियाणा में 90,945 फसल मैनेजमेंट मशीनें उपलब्ध हैं. सितंबर तक 11,000 और मशीनें और उपलब्ध होने की उम्मीद है. मशीनों के सामुदायिक उपयोग के लिए 6794 कस्टमर हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं. मार्च 2024 तक पंजाब में 1,30,851 मशीनें उपलब्ध हैं. सितंबर 2024 तक लगभग 12,000 मशीनों की अतिरिक्त खरीद की प्रक्रिया हो रही हैं.
- CAQM ने अपने हलफनामे में कहा गया है कि बायोमास , उद्यमियों/किसानों आदि के माध्यम से धान के भूसे की आपूर्ति को बढ़ावा देने और सुविधाजनक बनाने के लिए 2023 से नई योजना शुरू की गई हैं.
- विज्ञापनों, सोशल मीडिया के माध्यम से इसके बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है. ग्राम स्तर पर फसल पराली प्रबंधन तकनीकों का प्रचार किया जा रहा है.
- दिल्ली के 300 किलोमीटर के भीतर 11 थर्मल पावर प्लांट को ईंधन के रूप में कम से कम 5-10% बायोमास (कम से कम 50% धान के भूसे के साथ) को लागू करने का निर्देश दिया गया है. इससे कोयले को कम करके फसल के भूसे को शामिल किया जाएगा.
- एनसीआर में औद्योगिक इकाइयों के लिए बायोमास ईंधन का उपयोग करने के लिए 2022 में निर्देश जारी किए गए हैं.
- CAQM ने कहा कि व्यापक परामर्श के बाद एनसीआर के लिए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की विस्तृत योजना बनाई गई है.
- किसानों के लिए फसल प्रबंधन उपकरण खरीदने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पंजाब के लिए 150 करोड़ और हरियाणा के लिए 75 करोड़ जारी किए गए हैं.
- CAQM ने अपनी स्थापना के बाद से समय-समय पर विभिन्न आदेशों, दिशा-निर्देशों और आधिकारिक संचारों के अलावा 83 वैधानिक निर्देश, 15 परामर्श जारी किए हैं, उल्लंघन करने वाली 1,099 इकाइयां बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.
- 2024 में 93 क्षेत्रीय समीक्षा बैठकें आयोजित की गई. आयोग, उप समितियों की कई बैठकें आयोजित की गई हैं.
- धान की पराली जलाने से निपटने के लिए जून 2021 में एक सलाहकारी सिस्टम बनाया गया है.