निर्माण कार्य, उद्योगों के मुद्दे पर विचार करें CAQM, जहां जरूरत हो वहां बैन से दे छूट: प्रदूषण मामले में SC

CJI एनवी रमना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच यह सुनवाई कर रही है

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दिल्ली - NCR में प्रदूषण मामले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

दिल्ली- NCR में प्रदूषण को लेकर अहम आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निर्माण कार्य, उद्योगों और अन्य इकाइयों के  मुद्दों की जांच करने और उन पर कमीशन फॉर एयर क्‍वालिटी मैनेजमेंट इन डेल्‍ही-एनसीआर एंड एडज्‍वाइनिंग एरियाज (CAQM) विचार करें और जहां जरूरत हो वहां बैन से छूट दी जाए. आयोग एक सप्ताह में इस पर फैसला ले. SC ने कहा कि कुछ राज्यों द्वारा निर्माण मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. हम राज्यों को पहले के आदेश का पालन करने और अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते है. गौरतलब है कि दिल्ली - NCR में प्रदूषण मामले को लेकर शुक्रवार को सुनवाई हुई. CJI एनवी रमना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच यह सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि प्रदूषण को लेकर फिलहाल हालात कुछ सुधरे हैं, लेकिन दो मुद्दों पर सुनवाई जरूरी है. सुनवाई के दौरान प्रधान न्‍यायाधीश (सीजेआई) रमना ने कहा, 'रात को 11 बजे आयोग की तरफ से हलफनामा मिला है. याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह कह रहे हैं कि हवा की गुणवत्ता सुधरी है. इस पर सॉलिसिटर जनरल (SG)तुषार मेहता ने कहा कि पता नहीं विकास सिंह, याचिकाकर्ता आदित्य दुबे की ओर से कह रहे हैं या बिल्डरों की ओर से. 

CJI ने कहा, 'हम ढील पर कोई फैसला नहीं करेंगे,  CAQM को इस पर फैसला लेने दें. इस पर हम अब कुछ भी सुनवाई नहीं करेंगे. अन्य सभी आवेदनों पर CAQM  द्वारा विचार किया जाएगा.  याचिकाकर्ता के लिए विकास सिंह ने कहा कि निर्माण के मुद्दे पर कॉल करें. बाकी वे फैसला कर सकते हैं. इस पर CJI ने कहा कि सभी अपीलों का फैसला CAQM करेगा.सीजेआई ने एसजी तुषार मेहता से वायु गुणवत्ता आयोग के बारे में पूछा और कहा कि आयोग राज्यों के साथ मिलकर निर्णय ले.  सभी आवेदन और आपत्तियां आयोग के समक्ष रखी जाएं. CJI ने कहा कि प्रदूषण के मामले में कमीशन को जिम्‍मेदारी दी गई है
इस मामले में अब कोर्ट कोई आदेश नहीं देगा और किसी हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई नही करेगा. CJI ने कहा, 'अगर यहां एक-एक बिल्डर आ जाए तो मामला लंबा खिंच जाएगा. प्रतिनिधि निकाय आता है तो बात अलग है. सुनवाई के दौरान पेपर मिल्स द्वारा दायर आवेदन के लिए सी आर्यमा सुंदरम ने कहा कि CAQM एक सप्ताह के भीतर पेपर मिलों के मामले में विचार करे जबकि चावल निर्माताओं द्वारा दायर आवेदन के लिए कपिल सिब्बल ने कहा किआयोग ने अभी तक हमारे मुद्दे पर विचार नहीं किया.  इस पर CJI ने कहा कि आज तक कोई ढील नहीं दी गई क्योंकि AQI खराब था. लेकिन अब इसमें सुधार हुआ है इसलिए CAQM मुद्दों पर विचार करेगा. सिब्बल ने कहा किराज्यों में चावल मिल  बहुत हैं, इसे खरीदने वाला कोई नहीं है. 

दिल्ली सरकार के लिए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि CAQM के हलफनामे में फ्लाइंग स्क्वॉड और गैर-अनुपालन के लिए साइटों को बंद करने के सभी विवरण हैं. दिल्ली में कई साइटों पर कार्रवाई की गई. इंदिरा गांधी अस्पताल को भी उन अस्पतालों की सूची में जोड़ा जाना चाहिए जिनके निर्माण / नवीनीकरण में छूट है. इस पर CJI ने कहा कि हम व्यक्तिगत मुद्दों में नहीं जा सकते. अदालतों को चिल्लाना शुरू करने से पहले सरकारों को सभी उपाय करने चाहिए थे.अब हम हर एक मुद्दे में नहीं जा सकते. CAQM के बारे में सब जानते हैं मदर डेयरी के लिए वकील मनीष सिंघवी ने कहा कि हमारे प्लांट को मंजूरी दी जाए. निर्माण मजदूरों के लिए वकील रंजीत कुमार ने कहा कि चावल की भूसी इकाइयां प्रभावित है. यूपी और राजस्थान आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं. इस पर CJI ने यूपी के वकील रंजीत कुमार से पूछा कि आदेशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है तो रंजीत कुमार कि वे इसे लेकर दोदिनों में हलफनामा दाखिल करेंगे.

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