हाथरस पहुंची न्यायिक आयोग की टीम, 132 लोगों के बयान दर्ज, जांच की हर एक बारीकी पर पैनी नजर

हाथरस कांड (Hathras Satsang Incident) के दोषियों को सजा और पीड़ितों को इंसाफ दिलवाने की जिम्मेदारी अब न्यायिक आयोग के पास है. लोगों के बयान दर्ज से लेकर पुलिस से मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है.

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नई दिल्ली:

हाथरस में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा के सत्संग (Hathras Satsand Incident) में हुई भगदड़ मामले की जांच लगातार जारी है. न्यायिक आयोग की टीम अब हाथरस पुलिस लाइंस पहुंच गई है. आयोग अब तक हुई जांच की जानकारी पुलिस (Hathras Police) से ले रही है. वहीं आयोग ने यहां पर 132 लोगों के बयान भी अब तक दर्ज कर लिए हैं. आयोग का मकसद यह जानना है कि अब तक भगदड़ मामले की जांच कहां तक पहुंची है. साथ ही आयोग को जांच रिपोर्ट और मामले में कितनी प्रगति हुई है, इसकी जानकारी भी दी जाएगी. जैसे ही न्यायिक आयोग की टीम हाथरस पहुंची वहां के दूसरे अधिकारी भी पुलिस लाइंस पहुंच गए, ये जानकारी पुलिस सूत्रों के हवाले से सामने आई है. 

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हाथरस मामले की जांच, अब न्यायिक आयोग के पास

बता दें कि हाथरस में 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग समारोह में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचे थे. जबकि लिखित परमिशन सिर्फ 80 हजार लोगों की थी. इस सत्संग का मंजर जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं. दरअसल सूरजपाल उर्फ भोले बाबा सत्संग पंडाल से जाने लगा तो उसके भक्तों की भीड़ बाबा की चरण रज लोगों के लिए दौड़ पड़ी और फिर वो हुआ, जिसकी कल्पना शायद ही वहां पहुंचे किसी शख्स ने की होगी. इस कदर भगड़ मची कि प्रशासन को इसे संभालना नामुमकिन था. इस भीषण हादसे ने न जाने कितने ही घर उजाड़ दिए और न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गए. हादसे में अब तक121 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं. वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. 

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भोले बाबा का खास पुलिस के हत्थे चढ़ा

इस हादसे का मुख्य आरोपी और बाबा का खास देव प्रकाश मधुकर हादसे के बाद से ही फरार था, जो अब पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है. टेक्निकल सर्विलेंस के आधार पर हाथरस पुलिस ने ही शुक्रवार शाम साढ़े सात बजे नजफगढ़ नाले के पास से देव प्रकाश मधुकर को पकड़ लिया. उस पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया था. मधुकर ही वह शख्स है, जो इस सत्संग का आयोजक था. पुलिस उसे पकड़कर हाथरस ले कर पहुंची और फिर रात को करीब 11 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया गया. मीडिया में खबर चल रही है कि मधुकर ने पुलिस के सामेन सरेंडर किया है. लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने कोई सरेंडर नहीं किया है. न ही उसे किसी हॉस्पिटल से पकड़ा गया है. 

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मधुकर ने सरेंडर नहीं किया गिरफ्तारी हुई

एक वीडियो संदेश में मधुकर के वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल ने दिल्ली में आत्मसमर्पण कर दिया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. सिंह ने कहा, "आज हमने देवप्रकाश मधुकर का आत्मसमर्पण करा दिया है, क्योंकि उनका यहां इलाज चल रहा था, इसलिए दिल्ली में पुलिस, एसआईटी और एसटीएफ को बुलाया गया." लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने सरेंडर नहीं किया है. 

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पहली बार कैमरे पर आया 'भोले बाबा'

वहीं भगदड़ को लेकर पहली बार 'भोले बाबा' यानी सूरजपाल ने कैमरे पर आकर अपनी बात रखी. उसने कहा कि वह इस घटना से बहुत ज्यादा दुखी है. लोगों को प्रशासन पर विश्वास रखना चाहिए. किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा. बाबा ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रभु लोगों को इससे उबरने की शक्ति दें. 

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बता दें कि हाथरस के सिकंदराराऊ में भगदड़ दो जुलाई को स्वयंभू संत नारायण साकार हरि उर्फ ​​'भोले बाबा' के सत्संग के दौरान हुई थी. एफआईआर के अनुसार, कार्यक्रम में 2.50 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे, जबकि प्रशासन ने केवल 80 हजार लोगों को ही अनुमति दी थी.

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