हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी इनामी देव प्रकाश मधुकर ने किया सरेंडर : वकील एपी सिंह का दावा

बताया जाता है कि यूपी पुलिस दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच के एक अस्पताल में पहुंची थी. जहां हाथरस पुलिस के सामने देव प्रकाश ने सरेंडर किया.

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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने सरेंडर कर दिया है. उसे दिल्ली में यूपी पुलिस को सौंप दिया गया है. वकील एपी सिंह ने ये दावा किया है. देव प्रकाश मधुकर एक लाख का इनामी था.

बताया जाता है कि यूपी पुलिस दिल्ली के नजफगढ़-उत्तम नगर के बीच के एक अस्पताल में पहुंची थी. जहां हाथरस पुलिस के सामने देव प्रकाश ने सरेंडर किया. हाथरस पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है.

दिल्ली के नजफगढ़ के अस्पताल में देव प्रकाश मधुकर का इलाज चल रहा था. जहां ECG की रिपोर्ट नॉर्मल आने के बाद वकील एपी सिंह ने पुलिस को इसकी सूचना दी और फिर यूपी एसटीएफ की टीम ने मधुकर को गिरफ्तार कर लिया.

हाथरस भगदड़ मामले में मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की इस भयावह घटना के बाद से तलाश थी. भगदड़ की घटना में 121 लोग मारे गए थे.

पड़ोसियों का कहना था कि मधुकर कनिष्ठ अभियंता के रूप में काम करता है और नारायण साकार हरि एवं भोले बाबा के नाम से जाने जाने वाले सूरजपाल का कट्टर अनुयायी भी है.

भोले बाबा के दो जुलाई के 'सत्संग' का 'मुख्य सेवादार' मधुकर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में एकमात्र नामजद आरोपी है.

पुलिस ने मधुकर की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी. इससे पहले आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था.

अब तक 90 बयान दर्ज - एसआईटी प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ
एसआईटी प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि हाथरस में भगदड़ मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश सरकार की एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) कुलश्रेष्ठ तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रही हैं, जो दो जुलाई को यहां सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत से संबंधित मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है.

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एडीजी कुलश्रेष्ठ ने कहा, 'अब तक 90 बयान दर्ज किए गए हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी गई है, जबकि विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है.'

पुलिस जांच की स्थिति के बारे में अधिकारी ने कहा कि अधिक साक्ष्य सामने आने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा, 'एकत्रित साक्ष्य निश्चित रूप से कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से की गईं खामियों का संकेत देते हैं.'

मामले में जांच जारी रहने के बीच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने जोर देकर कहा कि घटना में 'षड्यंत्र के पहलू' से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, 'दोषी लोगों पर निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.'

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हाथरस पुलिस ने बृहस्पतिवार को छह स्वयंसेवकों (सत्संग आयोजन समिति के सदस्यों) को गिरफ्तार किया और 'जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है'. मामले में जिन अन्य संदिग्धों की भूमिका की जांच की जा रही है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है.

इस बीच, लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगदड़ की घटना पर एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट से अवगत कराया गया है. ये रिपोर्ट एडीजी आगरा जोन ने पेश की है, जो दो जुलाई को हाथरस में भगदड़ के बाद बचाव एवं राहत उपायों की देखरेख के लिए हाथरस का दौरा करने वाले शीर्ष अधिकारियों में शामिल थे.

गोपनीय रिपोर्ट में हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान शामिल हैं, जिन्होंने भगदड़ के कारण उत्पन्न आपातकालीन स्थिति का जायजा लिया था.

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