उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जताते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं. साथ ही साथ मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी कर रहे हैं. इसके अलावा सीएम ने 3 मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा है. सीएम लगातार अधिकारियों के संपर्क में है. मुख्यमंत्री योगी संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए है.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री की ओर से भी मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया गया है.
सीएम कल जाएंगे
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि बाबा भोलेनाथ की सभा में 50 हजार से भी अधिक लोग शामिल हुए थे. इस दौरान भगदड़ के बीच बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. बाबा को प्रशासन की ओर से सभा का आयोजन करने की मंजूरी मिल गई थी. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर जब बाबा को इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित करने की मंजूरी दी गई, तो उनके बैठने और निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की गई. बताया जा रहा है कि अलग-अलग राज्यों से लोग सभा में शामिल हुए थे. हादसे से चौतरफा मातम पसर गया.
पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया
उधर, इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद में भाषण के बीच हाथरस हादसे पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने सभी पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने सदन को भरोसा दिलाया है कि हर कीमत पर सभी पीड़ितों की मदद की जाएगी. राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है.
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बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से सभा आयोजित करने की मंजूरी बाबा को मिली थी, लेकिन यह बात स्पष्ट नहीं की गई थी कि सभा में कितने लोग शिरकत करेंगे? सभा में सुरक्षा के लिहाज से 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन वहां न ही कोई एंबुलेंस थी और ना ही फायर ब्रिगेड़ की कोई गाड़ी. आम तौर पर जब इस तरह का कार्यक्रम का आयोजन होता है, तो प्रशासन की ओर से हर प्रकार की आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तैयारी की जाती है, लेकिन यहां ऐसी कोई भी तैयारी नहीं की गई. डीएम ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.