NDTV की खबर का असर : 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं सड़ने पर 5 अधिकारियों पर गिरी गाज, भरपाई के आदेश

एनडीटीवी पर खबर चलने के बाद अब खराब गेहूं को यहां से तेजी से हटाया जा रहा है. साथ ही खराब गेहूं के नीलामी की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया है. 

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बीजेपी विधायक ने खराब होने वाले गेहूं का सही आंकड़ा न देने का आरोप लगाया है. 

नई दिल्ली:

शुक्रवार को एनडीटीवी ने हरियाणा के चार शहरों में गरीबों में बंटने वाले 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं के खराब होने की खबर दिखाई थी. अब हरियाणा खाद्य आपूर्ति विभाग ने कैथल के 5 अधिकारियों से खराब होने वाले गेहूं की भरपाई करने को कहा है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या करोड़ों रुपए की भरपाई इन अधिकारियों से हो पाएगी. कैथल के खाद्य आपूर्ति अधिकारी प्रमोद शर्मा ने कहा कि इस मामले में जो भी नुकसान है वो वहां तैनात अधिकारियों से वसूला जाएगा. नुकसान की रकम 5 लोगों से वसूली जाएगी. इसकी प्रक्रिया हमने शुरु कर दी है. 

एनडीटीवी पर खबर चलने के बाद अब खराब गेहूं को यहां से तेजी से हटाया जा रहा है. साथ ही खराब गेहूं के नीलामी की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया है. 

इस खराब गेहूं की नीलामी 2 रुपए किलो से लेकर 10 रुपए किलो में की गई है. अब इस गेहूं को ट्रकों के जरिए औद्योगिक इस्‍तेमाल के लिए भेजा जा रहा है. खुद कैथल के बीजेपी विधायक ने खराब होने वाले गेहूं का सही आंकड़ा न देने का आरोप लगाया है. 

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कैथल से बीजेपी विधायक लीला राम गुर्जर ने कहा कि कैथल में भी बड़ा घोटाला है, यहां भी एक खबर आई थी कि लोग गेहूं में पानी डाल रहे थे, जब उनसे पूछा गया कि क्यों ये पानी डाल रहे है तो बड़े अधिकारी उसे बचा ले गए थे. 

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हालांकि अब इन खराब हुए गेंहू के बाद FCI ने भी कहा है कि खुले में गेहूं रखने पर पाबंदी लगाई जाएगी. हम उम्मीद करते हैं कि अनाज की बर्बादी को रोकने के लिए जरूरी कदम तुरंत सरकार उठाएगी, जिससे किसान की मेहनत और टैक्स पेयर का पैसा दोनों की बरबादी बचेगी.  

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