गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, इस फैसले के खिलाफ दायर की गई थी याचिका

मंदिर प्रशासन ने दलील दी थी कि देव दर्शन समय अवधि के दौरान पूजा आयोजन की वजह से आम दर्शनार्थियों को होने वाली दिक्कतों की वजह से इस पर रोक लगाई गई है.

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सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

केरल के गुरुवायूर श्रीकृष्ण मंदिर में पूजा समय और व्यवस्था को लेकर मंदिर प्रशासन के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. हालांकि मंदिर प्रशासन ने आज वृश्चिकम एकादशी यानी मोक्षदा एकादशी पर पारम्परिक रूप से आयोजित होने वाली 'उदयास्तमन पूजा' का आयोजन न करने का निर्णय लिया गया था. प्रशासन ने दलील दी थी कि देव दर्शन समय अवधि के दौरान पूजा आयोजन की वजह से आम दर्शनार्थियों को होने वाली दिक्कतों की वजह से इस पर रोक लगाई गई है.

दूसरें पक्षकारों को भी नोटिस जारी होगा

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि आज तो हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि पूजा शुरू हो चुकी है. हम दूसरें पक्षकारों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष भी जानेंगे. प्रथम दृष्टया तो हम संतुष्ट हैं. ये पूजा जनता को दर्शनों के दौरान होने वाली असुविधा होने के आधार पर रोकी गई है. ⁠पूजा का उद्देश्य देवता की दिव्यता को बढ़ाना है, लेकिन इसे जनता की सुविधा के आधार पर तय नहीं किया जा सकता.

सुनवाई के दौरान पीठ ने दिया ये निर्देश

प्रबंधन को व्यवस्थापन के लिए कोई उपाय खोजना चाहिए. इस कारण की वैधता कितनी है, इस पर विचार करना होगा. पीठ ने आदेश दिया कि मंदिर प्रबन्धन समिति को नोटिस जारी किया जाए. पीठ ने कहा कि इस बीच हम यह निर्देश देते हैं कि मंदिर की वेबसाइट पर उपलब्ध दैनिक पूजा का चार्ट न बदला जाए और न ही हटाया जाए.
 

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