जिस प्रिंसिपल की उंगली पकड़ स्कूल जाती थी बच्ची, वही निकला हैवान, मासूम की लाश ने खोला हिलाने वाला राज

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बच्ची का शव मिलने के एक दिन बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसकी मौत गला घोंटने से हुई है. बच्ची जब स्कूल खत्म होने के बाद घर नहीं लौटी, तो उसके माता-पिता और रिश्तेदारों ने उसकी तलाश शुरू की थी.

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बच्ची को लिमखेड़ा सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
अहमदाबाद:

गुजरात के दाहोद जिले में 10 साल की बच्ची की मौत के मामले में एक हिला देने वाला खुलासा हुआ है. पहली क्लास की इस बच्ची की हत्या स्कूल के प्रिंसिपल ने दुष्कर्म की कोशिश का विरोध करने पर कर दी थी. यही नहीं इसके बाद उसने बच्ची के शव को स्कूल परिसर में फेंक दिया था. बच्ची के जूतों और बैग को भी ठिकाने लगा दिया था. पुलिस ने 55 साल की इस वहशी प्रिंसिपल गोविंद नट को गिरफ्तार कर लिया है. 

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राजदीप सिंह झाला के मुताबिक 6 साल की बच्ची के शव को गुरुवार को स्कूल परिसर से बरामद किया गया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बच्ची की हत्या गोल घोंटकर की गई थी. पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए 10 सदस्यीय टीम बनाई थी.

प्रिंसिपल ही लेकर जाता था स्कूल

बच्ची की मां ने पुलिस को बताया कि 6 साल की यह मासूम हर दिन गोविंद के साथ ही स्कूल जाती थी. बच्ची के लापता होने पर जब पुलिस ने प्रिंसिपल से पूछताछ की थी तो उसने बताया था कि वह बच्ची को स्कूल छोड़कर किसी काम से निकल गया था. इसके बाद बच्ची का क्या हुआ उसको कुछ पता नहीं. 

पुलिस ने बताया कि बच्ची ने यौन उत्पीड़न के प्रयास का प्रतिरोध किया था जिसके चलते उसकी हत्या कर दी गई थी. बृहस्पतिवार को सिंगवाड़ तालुका के एक गांव में स्कूल परिसर के अंदर बच्ची का शव मिलने के बाद जांच शुरू की गई थी.

पुलिस को प्रिंसिपल की इस बात पर पहले दिन से यकीन नहीं था. पुलिस लगातार इस मामले की छानबीन कर रही थी. जब पुलिस ने गोविंद नट की फोन की लोकेशन की डीटेल्स निकलवाईं, तो उसका शक यकीन में बदल गया. लोकेशन से पुलिस को पता चला कि वह बाद में स्कूल में गया था. जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल गिया.

बेहोशी की हालत में मिली थी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बच्ची का शव मिलने के एक दिन बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसकी मौत गला घोंटने से हुई है. बच्ची जब स्कूल का समय खत्म हो जाने के बाद घर नहीं लौटी, तो उसके माता-पिता और रिश्तेदारों ने उसकी तलाश शुरू की और उसे स्कूल की इमारत के पीछे के परिसर में बेहोशी की हालत में पड़ा पाया. उन्होंने बताया कि बच्ची को लिमखेड़ा सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

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