पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा के 'गुजरात मॉडल' को 'नफरत करो और मारो, फिर इनाम पाओ' के रूप में परिभाषित किया है. बीजेपी ने अपने गोधरा विधायक को चुनाव में फिर से टिकट दिया है, जिसने बिलकिस बानो के दोषी बलात्कारियों-हत्यारों को 'संस्कारी ब्राह्मण' कहा था. जेल में उम्रकैद की सजा पाने वाले 11 लोगों को 15 अगस्त को राज्य सरकार ने केंद्र की मंजूरी के साथ 'अच्छे व्यवहार के कारण' 15 साल के बाद रिहा कर दिया था.
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस से लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा, सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिन्होंने फैसले को पलटने की मांग की है.
भाजपा विधायक चंद्रसिंह राउलजी, जो पहले कांग्रेस के साथ थे, उस पैनल का हिस्सा थे जिसने 15 साल जेल में बिताने वाले दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था. वह गोधरा से छह बार के विधायक और एक पूर्व राज्य मंत्री हैं, जो शहर 2002 के दंगों के केंद्र में था, जिसके दौरान बिलकिस बानो का 11 पुरुषों द्वारा गैंगरेप किया गया था और उनकी तीन साल की बेटी सहित उनके परिवार के नौ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी.
चंद्रसिंह राउलजी ने ऑनलाइन समाचार आउटलेट मोजो स्टोरी को दिए एक साक्षात्कार में उन पुरुषों की रिहाई का बचाव किया था, "वे ब्राह्मण थे, और ब्राह्मणों को अच्छे संस्कार (सांस्कृतिक मूल्य) के लिए जाना जाता है. हो सकता है कि यह किसी की गलत मंशा हो और उन्हें दंडित करना हो." इस बयान के कारण कई विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई थी और निंदा की थी.
तेलंगाना की सत्तारूढ़ टीआरएस के सोशल मीडिया संयोजक वाई सतीश रेड्डी ने कहा, "बीजेपी अब बलात्कारियों को 'अच्छे संस्कार वाले आदमी' कहती है. यह एक पार्टी का अब तक का सबसे निचला स्तर है."
बाद में अदालत में गुजरात सरकार के बयान से पता चला कि रिहाई को फास्ट ट्रैक करते समय केंद्र ने कई आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया. जिसमें मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें दोषी ठहराया गया था. दोषियों को सैकड़ों दिनों से नियमित पैरोल भी मिल रही थी, जब वे सजा काट रहे थे.
चुनाव से ठीक पहले पिछली बार अगस्त 2017 में कांग्रेस छोड़कर चंद्रसिंह राउलजी ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने 2007 और 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी. भाजपा में जाने के बाद, उन्होंने कांग्रेस को 258 मतों के मामूली अंतर से हराया.