गुजरात में AAP को झटका, पार्टी द्वारा UCC को सैद्धांतिक समर्थन देने के विरोध में आदिवासी नेता ने दिया त्यागपत्र

वसावा ने मणिपुर में ‘आदिवासियों’ की हत्या को लेकर केन्द्र पर आरोप लगाया और आप से कट्टरवाद और घृणा की राजनीति का विरोध करने को कहा.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
राजपिपला:

गुजरात में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित क्षेत्र से 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके आम आदमी पार्टी (आप) के एक नेता ने पार्टी द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के सैद्धांतिक समर्थन का विरोध करते हुए रविवार को आप छोड़ दी.
आप के राष्ट्रीय समन्वयक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए त्यागपत्र में प्रफुल्ल वसावा ने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान पर हमला है.

नर्मदा जिले के नांदोड (एसटी) सीट से 2022 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे वसावा ने त्यागपत्र में कहा है कि आप समान नागरिक संहिता का समर्थन करने के साथ-साथ आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की बात नहीं कर सकती . उन्होंने दावा किया कि समान नागरिक संहिता आदिवासियों को मिले सभी विशेषाधिकार समाप्त कर देगी. वसावा ने मणिपुर में ‘आदिवासियों' की हत्या को लेकर केन्द्र पर आरोप लगाया और आप से कट्टरवाद और घृणा की राजनीति का विरोध करने को कहा.

आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए केजरीवाल को लिखे गए पत्र में वसावा ने कहा है, ‘‘समान नागरिक संहिता से आदिवासियों, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और अन्य समुदायों के संवैधानिक अधिकारों, जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा पैदा होगा.'' हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक जनसभा में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का जिक्र किए जाने के बाद आप ने इसे सैद्धांतिक समर्थन दिया और पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा कि इसे सभी की सहमति से लाया जाना चाहिए. आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) पाठक ने हाल में कहा था, ‘‘आप सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता का समर्थन करती है.''

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
NDTV EXCLUSIVE: CJI Sanjiv Khanna ने Champions Trophy और Cricket खेलने पर क्या कहा? | Sports
Topics mentioned in this article