गुजरात के देवभूमि द्वारका, खेड़ा और महीसागर जिलों में शुक्रवार को धुलेती उत्सव के बाद अलग-अलग घटनाओं में सात किशोरों सहित 11 लोगों की डूबकर मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. राज्य में रंगों का त्योहार धुलेती होली के एक दिन बाद मनाया जाता है.
पुलिस ने बताया कि देवभूमि द्वारका में धुलेती मनाने के बाद त्रिवेणी नदी में नहाने उतरे पांच लड़के पानी की गहराई का सही अंदाजा नहीं लगा पाए और उसमें डूब गए. उनकी पहचान जीत लुहार (16), हिमांशु राठौड़ (17), भूपेन बगड़ा (16), धवल चंदेगरा (16) और हितार्थ गोस्वामी (16) के रूप में हुई है.
भानवड़ थाने के सब-इंस्पेक्टर निकुंज जोशी ने बताया कि भानवड़ और खंभालिया कस्बों के दमकल कर्मियों ने स्थानीय गोताखोरों के साथ मिलकर शवों को निकाला. खेड़ा जिले के एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि वासो तालुका के जारोल गांव के पास धुलेती मनाने के बाद दो किशोर झील में डूब गए.
उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान जारोल गांव के निवासी प्रीतेश सोलंकी (15) और सागर सोलंकी (14) के रूप में हुई है. पड़ोसी महीसागर जिले में वानकबोरी बांध के पास महीसागर नदी में डूबने से चार अज्ञात युवकों की मौत हो गई.
बालासिनोर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा, ''बांध के पास एक मेले में भाग लेने के बाद ये युवक स्नान करने के लिए नदी में उतरे. उनके डूबने के बाद राहगीरों ने पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी. गोताखोरों ने एक घंटे तक चले अभियान के बाद शवों को बाहर निकाला.''
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