इस साल किस रफ्तार से छलांग मारेगी भारत की अर्थव्यवस्था, क्या कहती हैं पांच ये रिपोर्टें

पिछले कुछ में आई कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट बताते हैं कि आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य काफी उज्जवल है. ऐसा तब है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था खुद संकट से गुजर रही है. ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर में बढोतरी की उम्मीद जताई गई है.

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नई दिल्ली:

जिस तरह की रिपोर्टें सामने आ रही हैं, उससे लग रहा है कि 2025 भारत की अर्थव्यवस्था के लिए शानदार रहने वाला है. हालांकि सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में जीडीपी को 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. यह पिछले चार साल में सबसे कम था. लेकिन कुछ विदेशी संस्थाओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतर रफ्तार की संभावना जताई. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के और मजबूत होने की संभावना बनी है.आइए देखते हैं कि संस्थाओं को भारत की अर्थव्यवस्थाओं से कितनी उम्मीद है और उन्हें किस क्षेत्र में अधिक संभावना दिख रही है.

क्या है संयुक्त राष्ट्र का अनुमान

इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सबसे पहला अनुमान संयुक्त राष्ट्र की ओर लगाया गया. नौ जनवरी को जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रासपेक्टस 2025 नाम से आई संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था (जीडीपी) रफ्तार 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. इसमें अनुमान लगाया गया है कि 2026 में भारत की जीडीपी 6.8 फीसदी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार देगी,जो कि सुस्त पड़ी हुई है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था होगी. इस इलाके की जीडीपी में 5.7 फीसदी की विकास दर का अनुमान लगाया गया है. इसका आधार भारत के शानदार आर्थिक प्रदर्शन और उसके पड़ोसी देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार को बताया गया है. 

विश्व बैंक कहां देख रहा है भारत की अर्थव्यवस्था को

वहीं अब विश्व बैंक ने भी भारत की अर्थव्यस्था की सराहना की है.विश्व बैंक ने ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स नाम से जारी अपनी रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर एक नया अनुमान लगाया है.विश्व बैंक के मुताबिक इस साल भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 की दर से बढ़ेगी. विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की निजी खपत वृद्धि मजबूत श्रम बाजार, एक्सटेंडेड क्रेडिट और घटती महंगाई से बढ़ेगी. हालांकि,सरकारी खपत वृद्धि सीमित रह सकती है. विश्व बैंक ने दुनिया के दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था को लेकर भी अनुमान लगाया है. 2025-26 में दुनिया के दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 2.7 फीसदी का है. ऐसे में ये साफ है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे तेजी से विकास करेगी.इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.7 फीसदी लगाया गया है. इस रिपोर्ट में भारत के सर्विस सेक्टर के निरंतर विस्तार और निर्माण गतिविधियों में मजबूती आने की उम्मीद है. 

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क्या जापान को पीछे छोड़ देगा भारत

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने अनुमान लगाया है कि जब दुनिया की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं संकट से जूझ रही हैं, वैसे में भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 6.8 फीसदी और अगले वित्त वर्ष में 7.7 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है. पीएचडीसीसीआई का अनुमान है कि 2026 तक भारत जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.संगठन का कहना है कि पिछले तीन साल में भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ी है और 2026 तक यह जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है. 

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मिराए एसेट को भारत से क्या है उम्मीद

इससे पहले बुधवार को ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी मिराए एसेट ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थति मजबूत बनी हुई है. मिराए एसेट का अनुमान है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी रहेगी.इसमें चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एक फीसदी से कम के एनपीए के साथ बैंकों की स्थिति मजबूत बनी हुई है. भारतीय कंपनियां का मुनाफा बढ़ रहा है. इसमें यह भी कहा गया है कि घरेलू कर्ज भी वैश्विक मानकों के मुकाबले कम है. भारत का जीडीपी के मुकाबले कुल कर्ज 2010 के स्तर के नीचे बना हुआ है, जबकि वैश्विक स्तर पर इसमें बढ़ोतरी आई है. 

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बैंक ऑफ बड़ौदा का अनुमान

बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी अपने पूर्वानुमान में भारत की अर्थव्यवस्था के बेहतर होने की बात कही है. बैंक में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.8 फीसद रहने का अनुमान जताया है.बैंक ने नॉमिनल जीडीपी की विकास दर 10.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. बैंक ने हवाई यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या, सर्विस सेक्टर के प्रदर्शन और जीएसटी कलेक्शन को देखते हुए अनुमान लगाया था. इन संकेतकों के साथ-साथ बैंक ने रबी फसल के रकबे को भी आधार बनाया था. 

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