मिलिए, भारतीय वायुसेना के इतिहास में कॉम्‍बेट यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला पायलट से

ग्रुप कैप्‍टन शालिजा धामी की बात करें तो उन्‍हें वर्ष 2003 में हेलीकॉप्‍टर पायलट के तौर पर नियुक्‍त किया गया था. उनके पास 2800 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल है.

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वायुसेना इतिहास में यह पहली बार है जब एक महिला अधिकरी को फ्रंटलाइन कॉम्‍बेट यूनिट की कमान सौंपी गई है
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  • भारतीय वायुसेना के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है
  • 2003 में हेलीकॉप्‍टर पायलट के तौर पर सेवा शुरू की थी
  • शालिजा को 2800 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल है
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नई दिल्‍ली:

भारतीय वायुसेना (IAF) ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए ग्रुप कैप्‍टन शालिजा धामी (Shaliza Dhami)को वेस्‍टर्न सेक्‍टर के फ्रंटलाइन काम्‍बेट यूनिट की कमान संभालने के लिए चुना है. वायुसेना  इतिहास में यह पहली बार है जब एक महिला अधिकरी को फ्रंटलाइन कॉम्‍बेट यूनिट की कमान सौंपी गई है. बता दें, इस माह की शुरुआत में, सेना ने मेडिकल स्ट्रीम के बाहर पहली बार महिला अधिकारियों को कमान सौंपने की शुरुआत की,  इनमें से लगभग 50  के करीब अग्रिम सहित परिचालन क्षेत्रों में यूनिट्स की अगुवाई करेंगी. यह नार्दर्न और ईस्‍टर्न, दोनों कमान में होगा.

ग्रुप कैप्‍टन शालिजा धामी की बात करें तो उन्‍हें वर्ष 2003 में हेलीकॉप्‍टर पायलट के तौर पर नियुक्‍त किया गया था. उनके पास 2800 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल है. एक क्‍वालिफाइड फ्लाइंग इंस्‍ट्रक्‍टर शालिजा ने वेस्‍टर्न सेक्‍टर के एक हेलीकॉप्‍टर यूनिट में फ्लाइट कमांडर के तौर पर सेवाएं दी हैं. वायुसेना में ग्रुप कैप्‍टन को थल सेना में कर्नल के समकक्ष माना जाता है. एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ की ओर से दो मौकों पर  सम्मानित किए जाने के बाद यह अधिकारी फिलहाल फ्रंटलाइन कमांड हेडक्‍वार्टर की संचालन शाखा में तैनात हैं. 

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