छत्तीसगढ़ के बस्तर में दिनों जमकर बारिश हो रही है. इस कारण बस्तर के नदी नाले उफान पर हैं. कई गांव जलमग्न भी हो गए हैं. ऐसी विषम परिस्थितियों के बीच भी बस्तर के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. बस्तर में माओवाद से लड़ने लगभग 55 हजार जवानों को तैनात किया गया है.
ये जवान लगातार विषम परिस्थितियों के बावजूद जंगलों में दिन रात तैनात रहते हैं. ऐसे में एनडीटीवी की टीम ने एक रात जवानों के साथ भारी बारिश के बीच जंगलों में बिताया. बस्तर के जंगलों में जवानों को नक्सली हमले के साथ भौगोलिक परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है, जिसमें ऊंची-नीची पहाड़ियां, घने जंगल के साथ साथ जहरीले जीव जंतु भी होते हैं.
एनडीटीवी की टीम ने जब जवानों से इस संबंध में बात की कि वे इन कठिन परिस्थितियों के बीच बस्तर के जंगलों में ड्यूटी करते हैं तो उन्होंने कहा, " अब हमें आदत हो गई है. इसकी पूरी ट्रेनिंग दी जाती है. बारिश की वजह से सांप और कीड़े मकोड़ो का खतरा होता है. साथ ही माओवादियों का भी खतरा होता है. हर एक तरफ नजर रखना होता है. ताकि किसी भी घटना से बचा जा सके." (विकास तिवारी की रिपोर्ट)
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