गोविंदभाई नाई ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर अपने आत्मसमर्पण के लिए चार हफ्ते दिए जाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी को फैसला देते हुए बिलकिस बानो रेप और उसके परिजनों की हत्या के मामले में समय से पहले बरी किए गए 11 दोषियों को दी गई रिहाई को रद्द करते हुए उन्हें दो हफ्ते मे जेल मे आत्मसमर्पण करने के लिए आदेश जारी किया था.
नाई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्जी में कहा है कि वह 88 साल के एक बीमार पिता की संतान हैं, जो बिस्तर पर हैं और पूरी तरह से उस पर निर्भर हैं. वह अपने पिता का एकमात्र देखभालकर्ता भी है. वह खुद बुजुर्ग व्यक्ति है जो अस्थमा से पीड़ित है और उनका स्वास्थ्य बहुत खराब है.
नाई ने कहा है कि, हाल ही में उसका ऑपरेशन हुआ है और उसे एंजियोग्राफी से गुजरना पड़ा है. बवासीर के इलाज के लिए अभी एक और ऑपरेशन कराना है. उसकी मां की उम्र 75 साल है और उनका स्वास्थ्य भी खराब है. नाई ने यह भी कहा कि वह 2 बच्चों का पिता भी है, जो अपनी वित्तीय और अन्य जरूरतों के लिए पूरी तरह से उन पर निर्भर हैं.
नाई ने यह भी कहा है कि रिहाई की अवधि के दौरान, उसने किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया और छूट के आदेश की शर्तों का अक्षरश: पालन किया है.