छत्तीसगढ़ के कथित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कोर्ट में आरोप पत्र दायर कर दिया है. इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये मामला 2261 करोड़ के घोटाले का है, जो राजकोष में जाना चाहिए, लेकिन इसे लूटा गया. छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री के सिंडीकेट का खुलासा हुआ है. शराब लूट का बड़ा हिस्सा सत्ता पक्ष के नेताओं के पास जाता है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार कांग्रेस का ATM है. कोर्ट में इस विषय को फाइल किया गया है. शराब के माध्यम से पैसा कमाना विपक्षी पार्टियों का हथकंडा बन चुका है. छत्तीसगढ़ में प्राइवेट प्लेयर नहीं है. इसलिए सरकारी ड्यूटी सरकारी खजाने में जाती है. इसमें एक मास्टर माइंड अनवार धेवर है, जो रायपुर के मेयर एजाज धेवर का भाई है. धेवर भूपेश बघेल के दोस्त हैं.
उन्होंने कहा कि शराब लूट में कुछ नेता, कुछ अधिकारी और कुछ अन्य लोग शामिल हैं. इन लोगों ने शराब बेचने पर अपने आदमियों को रखा. शराब की बिक्री में पैसा कमाने के लिए जाली होलोग्राम बनाया और बेचा. अनवर कथित तौर पर पंद्रह फीसदी कमीशन रख लेता था.
छत्तीसगढ़ : 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में ईडी ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2261 करोड़ का नुकसान हुआ है. इतनी बड़ी लूट सरकार के माध्यम से ही हो सकती है. इन सभी की 121 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है. बीजेपी की मांग है कि इस मामले का जवाब दिया जाए.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में आबकारी विभाग के स्पेशल सचिव ए पी त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और त्रिलोक ढिल्लन को मास्टरमाइंड बताया है. साथ ही जेल में बंद अरविंद सिंह और नितेश पुरोहित को आरोपी बनाया है. ईडी द्वारा जारी किए गए इस आरोप पत्र में सरकारी सिस्टम का किस तरह से दुरुपयोग कर शराब घोटाला किया गया है, उससे संबंधित दस्तावेज और गवाहों के बयान शामिल हैं.
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छत्तीसगढ़ शराब 'घोटाला': ईडी ने 121 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की