दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को ‘एडवांस्ड ग्रीन दिल्ली' ऐप और ‘ग्रीन रूम' लॉन्च किया. गोपाल राय ने बताया कि पिछले साल ग्रीन दिल्ली ऐप का केवल एंड्रॉयड वर्जन था, उसकी शिकायतों को दूर कर उसे ठीक किया गया है और अब इसे IOS पर भी लॉन्च किया गया है. 27 विभागों का यह ज्वाइंट प्लेटफार्म है. इसमें केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के भी विभाग हैं और नगर निगम भी है. इसमें 10 तरह के कम्प्लेन कर सकते हैं.
- आसपास के औद्योगिक इलाकों में प्रदूषण फैल रहा हो
- पार्क में पत्तियां या बायोमास जल रहे हों
- कहीं पर कूड़ा या प्लास्टिक वेस्ट जल रहा हो
- निर्माण कार्य में धूल प्रदूषण हो रहा हो
- C&D वेस्ट को कहीं खुले में फेंका गया हो
- खाली जमीन पर अगर कूड़ा फेंका गया हो या जलाया गया हो
- कोई वाहन ज्यादा प्रदूषण फैला रहा हो
- सड़क पर गड्ढे हों
- सड़क किनारे धूल प्रदूषण फैल रहा हो
- ध्वनिप्रदूषण हो रहा हो
ग्रीन रूम में काम कर रहे सभी लोगों को अलग से ट्रेनिंग दी गई है. पिछले साल इस पर 27 हजार कम्प्लेन आई थीं, जिनमें से 23 हजार रिजॉल्व हुईं. निगम, डीडीए और पीडब्लूडी की कम्प्लेन सबसे ज्यादा आई है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 13 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए थे, लेकिन ग्रीन ऐप के कारण अब तक 150 हॉटस्पॉट चिन्हित किए जा चुके हैं. 26 मॉनिटरिंग सेंटर दिल्ली में हैं, पराली कितनी कहां जल रही है उसे भी नासा की सहायता से मैप के जरिए मॉनिटर किया जा रहा है.
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को इस वॉर रूम के साथ अटैच किया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और डीडीआई इसमें पार्टनर हैं. डीपीसीसी में इंजीनियर्स की शॉर्टेज थी, अब 50 इंजीनियर्स की भर्ती शुरू हो गई है, जो इससे जुड़कर फील्ड में मॉनिटरिंग का काम करेंगे. 70 ग्रीन मार्शल इस वॉर रूम से जुड़े हैं, जो कम्प्लेन के बाद ग्राउंड पर जाकर देखेंगे कि रिजॉल्व हुई कि नहीं. 21 सदस्यीय टीम पूरे विंटर सेशन, फरवरी तक इस ग्रीन रूम में 24×7 काम कर करेगी. बीएल चावला इसे हेड कर रहे हैं.