लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना अनुचित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर उन्होंने बृहस्पतिवार को अपनी शुभकामनाएं दी और स्पष्ट कर दिया कि उनका रुख इस मामले में अन्य विपक्षी दलों से अलग है.
हालांकि, मायावती ने यह भी कहा कि पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण वह उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगी. बसपा प्रमुख ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ''केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में भाजपा की, बसपा ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है. 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है.''
उन्होंने विपक्षी दलों के समारोह में न जाने के फैसले को अनुचित करार देते हुए अपने अगले ट्वीट में कहा कि ''राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नये संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है. सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है.''
बसपा प्रमुख ने कहा कि ''इसको जनजातीय महिला के सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है. यह उन्हें (मुर्मू) निर्विरोध ना चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था.'' अपने सिलसिलेवार ट्वीट में मायावती ने कहा कि ''देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें. लेकिन पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों संबंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.''
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को संसद के नये भवन का उद्घाटन करेंगे. कांग्रेस ने संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बृहस्पतिवार को निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘एक व्यक्ति के अहंकार और खुद के प्रचार की आकांक्षा'' ने देश की प्रथम जनजातीय महिला राष्ट्रपति को इस भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है.'' कांग्रेस की इस टिप्पणी से एक दिन पहले ही 19 विपक्षी दलों ने मोदी द्वारा संसद के नये भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के फैसले की घोषणा की.
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